अयोध्या में गुंजेगा ‘जय श्री राम’ रामजन्मोत्सव की भव्य तैयारियां

रामनगरी अयोध्या, भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की तैयारियों में पूरी तरह से सजी हुई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने संवत 2082 की राम नवमी (6 अप्रैल) के भव्य आयोजन की घोषणा की है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव होगा। इस अवसर पर भक्तों को श्रीराम के अद्भुत अनुष्ठानों के दर्शन का अवसर मिलेगा, जो एक आध्यात्मिक यात्रा का अहसास कराएंगे।

श्री राम के आदर्शों को आत्मसात करने का है पर्व

राम नवमी केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भक्तों को प्रभु श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने का पवित्र अवसर भी है। अयोध्या में इस पर्व का स्वागत ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष के साथ किया जाएगा, जो आस्था, आनंद और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि राम नवमी पर विशेष अनुष्ठान होंगे। सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक श्रीरामलला का अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद, 10:30 से 11:40 बजे तक मंदिर का पट बंद रहेगा। 11:45 बजे तक श्रीरामलला का श्रृंगार किया जाएगा, और इस दौरान मंदिर का पट खोला जाएगा। फिर, श्रीरामलला को भोग अर्पित किया जाएगा, जब पट पुनः बंद होंगे।

सूर्य तिलक का भव्य आयोजन

अयोध्या में रामलला के मंदिर में दोपहर 12:00 बजे श्रीराम के जन्म के साथ भव्य आरती और सूर्य तिलक होगा, जिसमें सूर्य की किरणें श्रीरामलला के ललाट को प्रकाशित करेंगी। जो श्रद्धालु अयोध्या नहीं पहुंच पाएंगे, वे टेलीविजन और ऑनलाइन माध्यमों से इस दिव्य क्षण का अनुभव कर सकेंगे। अयोध्या को विशेष रूप से सजाया जा रहा है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राम नवमी के मौके पर अयोध्या में भव्य राम जन्मोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें राम मंदिर परिसर में अनेक आकर्षक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।

रामकथा का भव्य आयोजन

अंगद टीला के परिसर में अतुल कृष्ण भारद्वाज राम कथा सुनाएंगे, और राम जन्मभूमि परिसर में दूसरी बार रामकथा का आयोजन होने जा रहा है। राम मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जाएगा, और गर्भगृह में फूल बंगला झांकी का आकर्षण होगा। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ध्यान रखा है। इस बार विभिन्न मंदिरों की झांकियां निकाली जाएंगी, और भव्य रामकोट परिक्रमी का आयोजन भी किया जाएगा। संतों के साथ इस आयोजन को लेकर कई बैठकें भी हो चुकी हैं। अयोध्या में रामलला मंदिर की शास्त्रीय सीमा को राम कोट से और भी विशेष रूप से सजाया जा रहा है।