स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश में तीन महीने चलने वाले जल गंगा संवर्धन अभियान में महिला इंजीनियरों ( engineers ) की ड्यूटी लगाने से हडक़ंप मच गया है। खासकर, तब जब प्रदेश में गर्मी का पारा 44 डिग्री पर पहुंच गया है और महिला इंजीनियरों को इस अभियान का काम देखना होगा। इसके लिए जल संसाधन विभाग ने कंट्रोल रूम ही नहीं, बल्कि मीडिया सेंटर भी बनाया है।
इंजीनियरों का विभाग में टोटा
नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि विभाग में पहले से ही इंजीनियरों का टोटा है और ऊपर से महिला इंजीनियरों की ड्यूटी जल गंगा संवर्धन अभियान में तीन महीने के लिए लगा दी गई है, जबकि मुख्यालय में अफसरों की कमी के चलते ही महिला इंजीनियरों से टेंडर डाक्यूमेंट बनाने से लेकर अन्य प्रस्ताव तैयार करने, विभागीय जांच, स्थापना आदि के काम भी उन्हीं से कराए जा रहे हैं, इससे यह काम प्रभावित होंगे और देरी के चलते उनके खिलाफ कार्यवाही करने से भी विभाग पीछे नहीं रहेगा।
बांध सुरक्षा पुष्पेंद्र सिंह को मीडिया हैड बनाया
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत नोडल अधिकारी के रूप में अधीक्षण यंत्री प्रशासन सुधीर सक्सेना, अधीक्षण यंत्री सुनील गिरवाल के अलावा संचालक बांध सुरक्षा पुष्पेंद्र सिंह को मीडिया हैड बनाया गया है, जबकि अधीक्षण यंत्री गरिमा अग्रवाल भी इस टीम की सदस्य होंगी। इसके अलावा सहायक यंत्री काव्या जैन को चंबल बेतवा, पीएमयू भोपाल, राजगढ़, राघवेंद्र सिंह सूर्यन को बैनगंगा कछार सिवनी, मनोज लोधी को उज्जैन, काजल लोहिया को नर्मदा ताप्ती एवं इंदौर, सहायक यंत्री रश्मि आर्या को राजघाट नहर परियोजना दतिया, यशी शर्मा को यमुना कछार ग्वालियर, कोमल श्रीवास्तव को धसान केन एवं बीना पीएमयू सागर, इति गुप्ता को गंगा कछार रीवा, गौरव रघुवंशी को नर्मदापुरम की जिम्मेदारी दी गई है। मीडिया सेल में कमलेश रायकवार, डीके कुशराम, संध्या पटेल, प्रतिभा कलम आदि को जिम्मेदारी दी गई है।