स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
31 अगस्त शनिवार से केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( Sangh ) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक शुरू होने जा रही है। तीन दिन चलने वाली इस बैठक में आरएसएस से जुड़े सभी संगठनों के राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भाजपा की तरफ से संगठन मंत्री बीएल संतोष के शामिल होने की संभावना है।
Sangh की बैठक में फोकस चुनाव पर ही होगा
लोकसभा चुनाव के रिजल्ट और भाजपा से मनमुटाव की खबरें आने के बाद ये आरएसएस की पहली समन्वय बैठक है। संघ ( Sangh ) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में कई फैसले लिए जाने की संभावना है। सूत्र बताते हैं कि बैठक में फोकस चुनाव पर ही होगा। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सितंबर और अक्टूबर में वोटिंग है। आरएसएस की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक, यहां भाजपा के लिए हालात अच्छे नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव में अनदेखी की नाराजगी आरएसएस सीधे सरकार के प्रतिनिधि के सामने रखेगा। ये भी तय करेगा कि लोकसभा चुनाव में जो हुआ, वो फिर न हो। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भी आरएसएस अपनी पसंद के नाम सौंपेगा।
संघ और सरकार तल्खी भुलाकर पहले की तरह काम करें
लोकसभा चुनाव में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन के बाद आरएसएस और सरकार के बीच तल्खी सामने आई थी। सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान से भी साफ हो गया कि उन्हें सरकार का रवैया पसंद नहीं आया। इसे उन्होंने अपने भाषण में जाहिर भी किया था। उन्होंने कहा था कि हमें इस मानसिकता से छुटकारा पाना होगा कि सिर्फ हमारा विचार ही सही है, दूसरे का नहीं। लोकसभा चुनाव के बाद ये पहली मीटिंग है, जिसमें आरएसएस और सरकार के प्रतिनिधि के बीच खुलकर बात होगी कि किन मुद्दों पर संघ चुनावी मिशन से कट गया। आगे आने वाले चुनावों में उसकी भूमिका क्या होगी। आरएसएस की सलाह और नेटवर्क दोनों पर सरकार का कितना दखल होना चाहिए।