जापानी और बौद्ध संस्कृति का प्रतीक किंकाकूजी स्वर्ण मंदिर : CM Mohan Yadav

स्वतंत्र समय,भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ . मोहन यादव ( CM Mohan Yadav  ) ने जापान यात्रा के चौथे दिन क्योटो स्थित विश्व प्रसिद्ध किंकाकूजी (स्वर्ण मंदिर) का भ्रमण किया। पारंपरिक जापानी स्थापत्य और बौद्ध संस्कृति का प्रतीक यह मंदिर अपनी सोने की परतों से ढंकी भव्य संरचना और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर का अवलोकन किया और जापानी संस्कृति में इसकी ऐतिहासिक महत्ता को करीब से समझा।

CM Mohan Yadav ने क्योकाची तालाब पर बिताया समय

मुख्यमंत्री डॉ . यादव ( CM Mohan Yadav ) ने मंदिर के सामने स्थित क्योकाची तालाब के किनारे कुछ समय बिताया, जहां मंदिर की झलक पानी में प्रतिबिंबित होकर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थी। उन्होंने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें सिर्फ स्थापत्य कला का उदाहरण नहीं होतीं, बल्कि वे एक सभ्यता की आत्मा को दर्शाती हैं। जापान ने अपनी संस्कृति को सहेजने का जो प्रयास किया है , वह प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री डॉ . यादव की जापान यात्रा सिर्फ सांस्कृतिक आदान – प्रदान तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने जापानी धरोहर संरक्षण, पर्यटन विकास और वास्तुकला के नवाचारों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भी अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है और जापान से इस दिशा में बहुत कुछ सीखा जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ . यादव की जापान यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और औद्योगिक संबंधों को और अधिक सशक्त बनाना है। भ्रमण के दौरान उन्होंने जापान की परंपरागत और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाए रखने की नीति को भी सराहा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाकुंभ भगदड़ में दिवंगत श्रद्धालुओं को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने भगवान महाकाल से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं उनके परिजनों को शक्ति और संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दुर्घटना को अत्यधिक पीड़ादायी बताते हुए कहा कि सरकार शोकाकुल घड़ी में परिजनों की हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में हुए अत्यंत पीड़ादायक हादसे में मध्यप्रदेश के 5 श्रद्धालुओं की मृत्यु की पुष्टि हुई है। सभी पांच श्रद्धालुओं की असमय दुखद मृत्यु पर परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता राशि दो-दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार-चार लाख रुपये करने के निर्देश दिए हैं।

मप्र बना जीसीसी नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भारत की पहली समर्पित ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स नीति 2025 लागू की है। इससे राज्य नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता का केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर हो गया है। यह नीति भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे टियर-2 शहरों को वैश्विक परिचालन केंद्रों के रूप में विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे भारत में विस्तार की चाह रखने वाले व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी लाभ मिलेगा। आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी-2023 की सफलता को आगे बढ़ाते हुए यह नई नीति मध्यप्रदेश को एक सशक्त जीसीसी ईको सिस्टम प्रदान करने और राज्य को भारत के तकनीकी विकास में अग्रणी बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हाल ही में इस नीति को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है, जो इसके रणनीतिक महत्व और प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाती है। भारत पहले से ही वैश्विक जीसीसी परिदृश्य में अग्रणी है, जहां इसका 50त्न से अधिक बाजार हिस्सेदारी है और 2023 में यह सेक्टर 46 अरब डॉलर का था, जो 2030 तक 110 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है।

केंद्रीय मंत्री गडकरी का सीएम ने माना आभार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय सडक़ परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मध्यप्रदेश राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और उन्नयन के लिए दी गई स्वीकृति के लिए आभार माना है। मध्यप्रदेश के विकास को गति प्रदान करने के लिए 414 करोड़ 84 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस स्वीकृति से सडक़ों के निर्माण एवं उन्नयन के महत्वपूर्ण कार्य होंगे। निश्चित ही शिवपुरी और अशोक नगर के साथ अन्य जिलों को भी इसका लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश के विकास को गति मिलेगी और नागरिकों को सुगम यातायात सुविधा मिल जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने मध्यप्रदेश के शिवपुरी और अशोक नगर जिलों में चंदेरी, बामोर कलां, अचरोनी और चंदेरी लिंक बायपास सहित राष्ट्रीय राजमार्ग-346 के खंड (कुल लंबाई 55.80 किमी) चंदेरी-पिछोर रोड के पेव्ड शोल्डर के साथ 2-लेन के उन्नयन और निर्माण के लिए 414 करोड़ 84 लाख रुपए की स्वीकृति दी है।