1 दिसंबर 2024 से जय शाह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन का पदभार संभाल लिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव रहे जय शाह अब आईसीसी के सबसे कम उम्र के चेयरमैन बन चुके हैं। उन्होंने ग्रेग बार्कले की जगह ली है। यह भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का पल है और जय शाह का यह पदभार संभालना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
आईसीसी की आधिकारिक घोषणा
जय शाह की नियुक्ति की जानकारी आईसीसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी। आईसीसी ने लिखा:
“आज से क्रिकेट का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। जय शाह आईसीसी के नए चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।” यह संदेश क्रिकेट प्रशंसकों और खिलाड़ियों के बीच उत्साह का विषय बन गया है।
चेयरमैन बनने के बाद जय शाह का बयान
जय शाह ने आईसीसी के चेयरमैन बनने पर अपनी प्राथमिकताओं और योजनाओं को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा:
“मुझे आईसीसी का अध्यक्ष चुनने के लिए सभी का धन्यवाद। मेरा उद्देश्य क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है। फिलहाल मल्टिपल फॉर्मेट्स को प्रोत्साहित करना और नई तकनीकों को खेल में शामिल करना मेरी प्राथमिकता रहेगी। इसके साथ ही मैं वर्ल्ड कप जैसे बड़े आयोजनों को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने पर काम करूंगा।”
क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल करने पर जोर
जय शाह ने ओलंपिक 2028 में क्रिकेट को शामिल करने को एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा:
“हम ओलंपिक के जरिए क्रिकेट को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य है कि यह खेल अधिक से अधिक देशों तक पहुंचे और क्रिकेट के फैंस की संख्या में वृद्धि हो।”
यह कदम क्रिकेट को अन्य खेलों के समान वैश्विक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
आईसीसी के चेयरमैन बनने वाले पांचवें भारतीय
जय शाह ने आईसीसी चेयरमैन के रूप में भारतीय क्रिकेट का मान बढ़ाया है। वे इस पद पर आसीन होने वाले पांचवें भारतीय हैं। उनसे पहले यह जिम्मेदारी संभालने वाले अन्य भारतीयों में जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन. श्रीनिवासन, और शशांक मनोहर शामिल हैं।
जय शाह का बीसीसीआई में योगदान
जय शाह बीसीसीआई के सचिव के रूप में अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले ले चुके हैं।
- घरेलू क्रिकेट का विकास: उन्होंने घरेलू क्रिकेट को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
- महिला क्रिकेट का विस्तार: महिला क्रिकेट को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रभावशाली कदम उठाए।
- नई तकनीकों का समावेश: जय शाह ने क्रिकेट के संचालन और प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया।
जय शाह के सामने चुनौतियां और संभावनाएं
जय शाह का कार्यकाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई बदलाव और सुधार का संकेत देता है। हालांकि, उनके सामने कुछ चुनौतियां भी होंगी:
- छोटे क्रिकेट खेलने वाले देशों के लिए बुनियादी ढांचे का विकास।
- क्रिकेट को और अधिक देशों में लोकप्रिय बनाना।
- टी20 लीग्स और पारंपरिक क्रिकेट के बीच संतुलन बनाना।
जय शाह की यह नई भूमिका क्रिकेट के भविष्य को नई दिशा देने में सहायक हो सकती है। उनकी योजनाएं और नेतृत्व क्षमता क्रिकेट को वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूत बना सकती हैं।