स्वतंत्र समय, भोपाल
जैसे-तैसे दस महीने के लंबे इंतजार के बाद प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ( Jitu Patwari ) को अपनी टीम मिल सकी है। पहली सूची पर उठे विवाद को थामने के लिए दूसरी सूची बनाकर पीसीसी को डबल कर दिया गया। मगर अब दूसरी सूची में नाराजगी को भी डबल कर दिया है। हर अंचल से इस्तीफे मिल रहे हैं तो युवा नेता भी इस पीसीसी में पद छोड़ रहे हैं। इन इस्तीफों के कारण प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नई कार्यकारिणी का उत्साह भी बनने के पहले ही उड़ सा गया है।
Jitu Patwari का प्रयास सफल होता नजर नहीं आ रहा
अपनी पहली सूची से उपजी नाराजगी को दूर करने के लिए पटवारी ( Jitu Patwari ) ने 178 लोगों की दूसरी सूची में सेक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी के अलावा तीन कमेटियां भी बनाकर वरिष्ठ नेताओं को संतुष्ट करने की कोशिश की है। अनुशासन, परिसीमन के साथ पॉलीटिकल अफेयर कमेटी का गठन भी प्रदेश में किया गया है। मगर यह प्रयास भी सफल होता नजर नहीं आ रहा है। युवा नेताओं के इस्तीफों ने पीसीसी में टेंशन और बढ़ा दी है। अब तक आधा दर्जन से अधिक इस्तीफे भोपाल, इंदौर सहित कई जिलों से पीसीसी में पहुंच चुके हैं। शुरुआत इंदौर के प्रमोद टंडन ने की थी इसके बाद भोपाल में पूर्व जिलाध्यक्ष मोनू सक्सेना और यासिर हसनात सिद्दीकी भी सचिव का पद लौटा चुकें हैं। पूर्व विधायक कल्पना वर्मा भी इस्तीफा दे चुकीं हैं।
मुझे घर में नहीं बैठना
विजयपुर जिले के वीरपुर से सचिव बनाए गए रामलखन दंडोतिया ने इसे अपना डिमोशन माना है। उन्होंने पीसीसी चीफ को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि मैं ब्याज सहित आपका अहसान चुका दूंगा। रामलखन पूर्व में महासचिव एवं सचिव रह चुके हैं। उनका कहना है कि पद देने से पहले पूछा होता तो मैं मना कर देता। दंडोतिया ने कार्यकर्ताओं की सहमति से अगला कदम उठाने की चेतावनी भी दी है।