मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आगमन के दौरान एक अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई। एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में प्रवेश को लेकर सुरक्षा प्रोटोकॉल और मौजूदा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो गए। यह घटना तब हुई जब जेपी नड्डा उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इंदौर पहुंचे थे।
जानकारी के अनुसार, जब केंद्रीय मंत्री का काफिला वीआईपी लाउंज की ओर बढ़ा, तो वहां पहले से ही इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया मौजूद थे। वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत आमतौर पर विशिष्ट अतिथियों के आगमन के समय सुरक्षा कारणों से लाउंज को खाली रखा जाता है या सीमित लोगों को ही प्रवेश दिया जाता है। भदौरिया की मौजूदगी ने सुरक्षा अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी।
सुरक्षाकर्मियों और भदौरिया के बीच हुई बहस
सूत्रों के मुताबिक, जब सुरक्षाकर्मियों ने सुरेश सिंह भदौरिया को वीआईपी लाउंज से बाहर जाने या प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया, तो कथित तौर पर उनके बीच तीखी बहस हो गई। भदौरिया का कहना था कि वह भी एक सम्मानित नागरिक हैं और लाउंज का उपयोग करने का अधिकार रखते हैं। हालांकि, केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा को देखते हुए एसपीजी और स्थानीय पुलिस प्रशासन कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं था।
इस दौरान वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। काफी देर तक चली गहमागहमी के बाद स्थिति को संभाला गया। यह घटना अब राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर वीआईपी मूवमेंट के दौरान सुरक्षा में ऐसी चूक या समन्वय की कमी कैसे रह गई।
उज्जैन दौरे पर थे जेपी नड्डा
जेपी नड्डा का यह दौरा मुख्य रूप से उज्जैन में आयोजित कार्यक्रमों के लिए था। इंदौर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्हें सड़क मार्ग से उज्जैन जाना था। वीआईपी लाउंज में वे कुछ समय विश्राम और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के लिए रुकने वाले थे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता भी उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद थे।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी के समन्वय पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीआईपी मूवमेंट के दौरान प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सुरेश सिंह भदौरिया को उस समय लाउंज में बैठने की अनुमति किसने दी थी, जब एक जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त वीआईपी का आगमन होने वाला था। फिलहाल, इस मामले में किसी भी पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसकी समीक्षा की जा सकती है।