मोहन, विष्णु और नरेंद्र के संकटमोचक बने ‘कैलाश’

स्वतंत्र समय, भोपाल

शिवराज सरकार में लूपलाइन में रहे मप्र और देश के दिग्गज नेताओं में शुमार कैलाश विजयवर्गीय अब फ्रंटलाइन में खेल रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार में भले ही उनको नगरीय विकास एवं आवास मंत्री की जिम्मेदारी दी गई हो, लेकिन इन दिनों विजयवर्गीय सरकार के मुखिया मोहन यादव, संगठन के मुखिया विष्णुदत्त शर्मा और मप्र विधानसभा के मुखिया नरेंद्र सिंह तोमर के लिए फ्लोर मैनेजमेंट कर सबके संकटमोचक बनकर उभरे हैं। अपने नाम के अनुरुप भगवान शंकर की तरह विषपान कर कैलाश विजयवर्गीय हर फ्लोर में चौके और छक्के लगा रहे हैं। भाजपा के केंद्रीय संगठन में महासचिव की भूमिका संभालने के साथ हाईकमान से करीबी रिश्तों का फायदा अब मप्र सरकार और संगठन को दिलाने में मुख्य भूमिका विजयवर्गीय निभा रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा सरकारों के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) के सभी पदाधिकारियों से करीबी रिश्ते रखने वाले कैलाश विजयवर्गीय संघ की लाइन को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी निभाने में श्रेष्ठ साबित हुए हैं। जब से मोहन यादव ने सीएम पद की शपथ ली है तब से सरकार के पूरी तरह से गठन तक शीर्ष नेतृत्व के इशारों को अमलीजामा पहनाने में कैलाश ने अपनी रणनीति का लोहा भी मनवाया है। अभी सीएम मोहन ने सरकार का प्रवक्ता नहीं बनाया फिर भी कैबिनेट बैठक और उसके बाद मीडिया के जरिए सरकार की सकारात्मक छवि बनाने में जुटे हैं।

हरदा कांड: विस में मैनेज करने में सफल रहे कैलाश विजयवर्गीय

हरदा में पटाखा विस्फोट कांड में भी सरकार की छवि बचाने, अफसरों पर एक्शन और विधानसभा के बजट सत्र में मोहन सरकार की छवि को सकारात्मक तरीके से विपक्ष के विरोध के बावजूद पेश करने में सफल रहे हैं। सदन में कांग्रेस सदस्यों ने हरदा कांड को जोरशोर से उठाने की कोशिश की, लेकिन विजयवर्गीय के फ्लोर मैनेजमेंट के चलते मंसूबा फेल हो गया।

कैलाश विजयवर्गीय के विपक्ष से भी हैं अच्छे रिश्ते

सरकार में कई विभागों को बतौर मंत्री संभाल चुके विजयवर्गीय प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन में भी अपनी कार्यशैली से अपनी जगह बनाने में काययाब रहे हैं। साथ ही संघ, भाजपा संगठन और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से भी कैलाश के प्रगाढ़ रिश्ते हैं। उसके कारण भाजपा में जब कैलाश कोई भी मोर्चा संभालते हैं तब विपक्ष उतना मुखर नहीं हो पाता।

उमा, गौर और शिव सरकार में रहे हैं मंत्री

उमाभारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में मंत्री पद संभाल चुके विजयवर्गीय संगठन कौशल में भी माहिर हैं। सीएम बनाने से लेकर मंत्रिमंडल गठन और विभागों के बंटवारे में विजयवर्गीय की भूमिका संकटमोचक के रूप में देखी गई। उनके पूर्ववर्ती सीएम उमा भारती, सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत मप्र के वरिष्ठ और कनिष्ठ नेताओं से अच्छे रिश्ते रहे हैं। भाजपा के तीनों और वर्तमान में मोहन सरकार में बड़े विभाग संभाल चुके विजयवर्गीय सीएम मोहन यादव के सबसे विश्वस्त माने जाते हैं और सीएम उनसे सलाह मशविरा कर कोई भी बड़े निर्णय लेते हैं।

मीडिया समेत सबको साधने में माहिर

कैलाश विजयवर्गीय मप्र में ऐसे इकलौते नेता हैं, जो संगठन और सरकार में बराबर पैठ रखते हैं। वे मप्र के साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी भाजपा की केंद्र और राष्ट्रीय संगठन में सभी दिग्गजों के साथ काम कर चुके हैं या करीबी रिश्ते हैं। इसके अलावा देश और प्रदेश के मीडिया जगत में भी खासी दखल रखने के साथ पार्टी और सरकार की अच्छी छवि बनाने में माहिर माने जाते हैं। जब से मोहन सरकार बनी है तब से विजयवर्गीय ही अकेले नेता हैं जो सरकार के फैसले, विधानसभा के निर्णय और कई मायने में संगठन को भी डेैमेज कंट्रोल से उबार चुके हैं।