स्वतंत्र समय, भोपाल
भाजपा की नई प्लानिंग के चलते अभी तक की चर्चाओं में यह बात सामने आई है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह और पूर्व सीएम कमलनाथ की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है। इस कारण भाजपा के रणनीतिकार इन दोनों की दोस्ती और करीबी का फायदा उठाने की जुगत लगा रही है। अब भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है और छिंदवाड़ा के मामले में हाईकमान एक तीर से दो निशाने लगाने की प्लानिंग कर रही है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर होने के बावजूद बीजेपी पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की सीट को फतह हासिल करने में नाकाम रही। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 29 में से 28 सीटें जीत थी, बस यही छिंदवाड़ा की सीट रह गई थी।
शिवराज सिंह को छिंदवाड़ा से लड़ाने की तैयारी
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी छिंदवाड़ा की सीट पर जीत का परचम फहराने के लिए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर भरोसा जता सकती है। कांग्रेस की इस मजबूत किले में सेंध लगाने के लिए बीजेपी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। बता दें, छिंदवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है। इस सीट पर साल 1952 से कांग्रेस लगातार जीतती आ रही है। इन 72 सालों में बीजेपी महज एक बार यहां से जीत मिली। उप चुनाव में सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हराया था और सुंदरलाल पटवा महज एक साल के लिए सांसद रहे। शेष समय कांग्रेस का ही कब्जा रहा। वर्तमान में पूर्व सीएम कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ यहां से सांसद हैं, वहीं इस सीट पर कमलनाथ, उनकी पत्नी अलकानाथ भी सांसद रह चुके हैं।
बीजेपी के लिए मुसीबत
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गई है. राम मंदिर की लहर हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर, बावजूद बीजेपी इस सीट पर विजयी नहीं हो सकी. साल 2014 के चुनाव में भी बीजेपी ने प्रदेश की 29 सीटों में से 27 सीटों पर जीत दर्ज किया था, जबकि साल 2019 के चुनाव में तो 29 सीटों में से 28 सीटों पर बीजेपी विजयी हुई, लेकिन छिंदवाड़ा की सीट नहीं जीत सकी।
शिवराज पर जता सकते हैं भरोसा
राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने के लिए बीजेपी रणनीति बनाने में जुटी है. माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर भरोसा जता सकती है। अगर ऐसा होता है तो 20 साल बाद एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव के मैदान में होंगे।