कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ीं, आगरा कोर्ट में चलेगा राष्ट्रद्रोह और किसानों के अपमान का केस

Kangna Ranaut : हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आगरा की एक अदालत ने उनके खिलाफ दायर रिवीजन याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद अब उन पर किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह का केस चलेगा। मामले की सुनवाई स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में होगी।

बुधवार को स्पेशल जज लोकेश कुमार की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर 2025 की तारीख तय की है। आदेश के अनुसार, कंगना रनौत को उस दिन सुनवाई के लिए तलब किया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला कंगना रनौत के एक इंटरव्यू में दिए गए बयान से जुड़ा है। वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को कोर्ट में एक वाद दायर किया था। याचिका में आरोप लगाया गया कि 26 अगस्त 2024 को दिए एक इंटरव्यू में कंगना ने किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जिससे देशवासियों की भावनाएं आहत हुईं।
याचिकाकर्ता के अनुसार, कंगना ने इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप और हत्या जैसी घटनाएं हुईं और यदि कृषि बिल वापस न होते तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। वादी ने इसे किसानों का घोर अपमान बताया है।

“कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाओं को आहत किया है। उनके बयान से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी अपमान हुआ है।” — रमाशंकर शर्मा, वादी अधिवक्ता

पुराने बयान भी बने आधार
याचिका में कंगना के पुराने विवादित बयानों का भी जिक्र किया गया है। 7 नवंबर 2021 के एक बयान का हवाला देते हुए कहा गया कि कंगना ने कहा था कि देश को असली आजादी 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद मिली। वादी का कहना है कि यह बयान महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का अपमान है।

इसके अलावा, किसान आंदोलन के समय दिए गए बयानों को भी आधार बनाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंगना ने आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकवादियों से की थी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था।’ इन्हीं बयानों के चलते उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया है।