घूमने आए हैं टुकड़े-टुकड़े की सोच वाले कन्हैयाः Manoj Tiwari

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

भाजपा नेता मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari ) ने कन्हैया कुमार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कन्हैया कुमार को ‘टुकड़े-टुकड़े’ विचारधारा वाला बताते हुए कहा है कि वे चुनाव के दिनों में 40 दिन के लिए घूमने आए हैं। चुनाव के बाद वे वापस चले जाएंगे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी को कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार टक्कर देने वाले हैं। पार्टी ने रविवार को ही उनके नाम का एलान किया है। उनकी उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही कन्हैया कुमार पर हमला होना शुरू हो गया है। दिल्ली में 25 मई को मतदान होगा।

 Manoj Tiwari का शानदार प्रदर्शन

पिछले लोकसभा चुनाव में मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari ) को लगभग 54 फीसदी या 7.87 लाख वोट मिले थे। उन्होंने अपनी करीबी कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित को 3.66 लाख से अधिक वोटों से हराया था। इसके पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रो. आनंद कुमार को 1.44 लाख वोटों से हराया था। कांग्रेस के वर्तमान में चांदनी चौक लोकसभा सीट से प्रत्याशी जेपी अग्रवाल इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें कुल 2.14 लाख वोट मिले थे।

पिछली बार से भी ज्यादा बड़ी हार का सामना करेंगेः Manoj Tiwari

भाजपा नेता मनोज तिवारी ( Manoj Tiwari ) के समर्थकों का कहना है कि कन्हैया कुमार इस बार के चुनावों में पिछली बार से भी ज्यादा बड़ी हार का सामना करेंगे। इसका बड़ा कारण है कि यहां के लोग उनकी ‘टुकड़े-टुकड़े’ वाली छवि के कारण उनका समर्थन नहीं करेंगे। मनोज तिवारी के करीबी नीलकांत बख्शी ने ट्वीट कर कहा है कि इस बार मनोज तिवारी के सामने कन्हैया कुमार को पांच लाख से अधिक वोटों से हार मिलेगी। माना जाता है कि कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को यही सोचकर टिकट दिया है कि वे मनोज तिवारी जैसे हाई प्रोफाइल चेहरे को कड़ी टक्कर देंगे। कन्हैया कुमार की एक छात्र नेता के रूप में प्रसिद्धि इसमें उनकी मदद कर सकती है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई के उम्मीदवार के तौर पर वे भाजपा नेता गिरिराज सिंह से बिहार की बेगूसराय सीट पर करारी हार का सामना कर चुके हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं का मानना है कि कन्हैया बिहार से ज्यादा दिल्ली की राजनीति में प्रभावी हो सकते हैं। कन्हैया कुमार के करीबी लोगों का मानना है कि कन्हैया कुमार स्वयं को भी दिल्ली की राजनीति के लिए बेहतर मानते हैं।