Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर जिलों में शिवभक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए 16 जुलाई से 23 जुलाई तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। दोनों जिलों के जिलाधिकारियों ने यह निर्णय छात्र सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया है, क्योंकि यात्रा का समापन 23 जुलाई को महाशिवरात्रि के दिन होगा।
सभी शैक्षणिक संस्थानों पर लागू रहेगा आदेश
मेरठ के डीएम डॉ. वी.के. सिंह ने स्पष्ट किया कि शहर में ट्रैफिक दबाव और भारी भीड़ के कारण यह निर्णय जरूरी था। इसी प्रकार मुजफ्फरनगर में भी डीएम के निर्देश पर DIOS राजेश कुमार द्वारा स्कूलों की छुट्टी की घोषणा की गई है। आदेश सभी सरकारी, निजी, CBSE, ICSE और राज्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों, उच्च माध्यमिक, डिग्री कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों पर भी लागू होगा। उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
श्रद्धालुओं की संख्या में हो रहा भारी इजाफा
हरिद्वार से लौटते कांवड़ियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर जैसे शहरों में इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दे रही है। भीड़ बढ़ने के साथ-साथ कुछ जगहों पर कांवड़ियों द्वारा वाहन तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिसके चलते प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर है और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
दिल्ली-मेरठ हाईवे बना वन-वे, जाम से हाल बेहाल
15 जुलाई से दिल्ली-मेरठ हाईवे को मोरटा से मनोटा तक वन-वे किया गया है ताकि कांवड़ यात्रा को सुगमता से संपन्न कराया जा सके। हालांकि इस निर्णय के बाद हाईवे पर यातायात जाम की समस्या और बढ़ गई है। सामान्यतः 10 मिनट में तय होने वाला सफर अब 2 से 3 घंटे में पूरा हो रहा है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुरादनगर में ट्रैफिक जाम से एंबुलेंस और बसें भी फंसीं
मुरादनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान भयंकर जाम की स्थिति बनी हुई है। हाईवे पर एक तरफ कांवड़िए और दूसरी तरफ वाहन चल रहे हैं, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह बाधित हो गया है। यहां तक कि एम्बुलेंस, स्कूल बसें और वीआईपी गाड़ियां भी कई घंटे तक फंसी रहीं।
स्थानीय लोग बोले- जल्दबाजी में लिया वन-वे का फैसला
स्थानीय निवासी उमेश शर्मा का कहना है कि प्रशासन ने बिना पूरी तैयारी के हाईवे को वन-वे कर दिया, जबकि अभी तक कांवड़ियों की संख्या इतनी अधिक नहीं थी कि इस कदम की आवश्यकता होती। लोगों ने मांग की है कि ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर और व्यवस्थित तरीके से लागू किया जाए।