Karun Nair: भारत के लिए एक समय तिहरा शतक लगाने वाले करुण नायर की टेस्ट क्रिकेट में वापसी की उम्मीदें एक बार फिर अधूरी रह गई हैं। इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज़ में चार मैचों में 205 रन बनाने के बाद, नायर अब फिर से एक मोड़ पर खड़े हैं — जहां से उनका टेस्ट करियर आगे बढ़ेगा या यहीं थम जाएगा, यह तय होना बाकी है।
Karun Nair से थी दमदार वापसी की उम्मीद, लेकिन नाकामी का सिलसिला
33 वर्षीय करुण नायर की वापसी की कहानी बेहद प्रेरणादायक लग रही थी। उन्होंने रणजी ट्रॉफी 2024-25 में विदर्भ के लिए 863 रन बनाकर न केवल टीम को चैंपियन बनाया, बल्कि खुद को राष्ट्रीय चयन के लिए मजबूत उम्मीदवार के रूप में स्थापित किया।
इंग्लैंड लायंस के खिलाफ कैंटरबरी में 204 रन की पारी ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और नायर को टेस्ट टीम में शामिल किया गया। लेकिन मुख्य श्रृंखला में उनके बल्ले से वैसा प्रभाव देखने को नहीं मिला जिसकी उम्मीद की जा रही थी।
ओवल टेस्ट: Karun Nair चूक गए बड़ा स्कोर बनाने का मौका
सीरीज़ के ओवल टेस्ट में, नायर ने पहली पारी में अर्द्धशतक जरूर जमाया, लेकिन उसे शतक में बदलने की जिम्मेदारी नहीं निभा सके। दूसरी पारी में तो हालात और खराब रहे — पहली ही गेंद पर गस एटकिंसन की शॉर्ट डिलीवरी उनके दस्तानों पर लगी और वे पूरी तरह असहज नजर आए।
यशस्वी जायसवाल, जो उस समय क्रीज पर सेट थे, ने कई बार नायर को फील्ड सेटिंग्स और रनिंग के लिए सतर्क रहने की सलाह दी। नायर की धीमी प्रतिक्रिया और मैदान पर ऊर्जा की कमी साफ दिखाई दी, जिससे ड्रेसिंग रूम में भी निराशा का माहौल रहा।
फैंस की नाराज़गी और सोशल मीडिया पर आलोचना
करुण नायर की असफलताओं को लेकर सोशल मीडिया पर फैंस का गुस्सा भी साफ नजर आया। कई प्रशंसकों ने पूछा कि जब युवा खिलाड़ी रन बना रहे हैं, तो अनुभव के नाम पर बार-बार उन्हीं खिलाड़ियों को क्यों मौका दिया जा रहा है जो प्रदर्शन नहीं कर पा रहे।
टेस्ट टीम में जगह बनाए रखने के लिए केवल डोमेस्टिक अनुभव काफी नहीं — अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतरता और आत्मविश्वास जरूरी है, जो नायर के प्रदर्शन में नहीं दिखा।
Karun Nair का अब आगे क्या?
यह सवाल अब उठ रहा है कि क्या करुण नायर का टेस्ट करियर समाप्ति की कगार पर है? हेड कोच गौतम गंभीर और चयन समिति के सामने कठिन फैसला है — क्या वे एक और मौका देंगे या युवा प्रतिभाओं को वरीयता देंगे?
भारत के पास इस समय कई युवा मध्यक्रम बल्लेबाज हैं जो मौका मिलने पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसे में नायर को टीम में बनाए रखना अब प्रदर्शन आधारित चयन नीति के खिलाफ जा सकता है।