स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
संसद के मानसून सत्र और बजट से पहले पार्लियामेंट हाउस में रविवार को ऑल पार्टी मीटिंग में कावड़ यात्रा ( Kavad Yatra ) पर चर्चा हुई। बैठक में भाजपा सहित 44 पार्टियों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। कई केंद्रीय मंत्री इसमें शामिल हुए। विपक्ष की तरफ से कांग्रेस, आप, एआईएमआईएम, वाईएसआरसीपी सहित अन्य पार्टियों ने हिस्सा लिया।
यूपी Kavad Yatra रूट की दुकानों पर नेम प्लेट का मुद्दा
कांग्रेस ने लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद मांगा। वहीं नीट मामले में लोकसभा में चर्चा हो। सपा नेता रामगोपाल यादव ने यूपी कावड़ यात्रा ( Kavad Yatra ) रूट की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया- बैठक में जेडीयू ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा, वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश को भी विशेष दर्जा देने की मांग की। केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी नहीं आई। पार्टी के नेता डेरेक ओöब्रायन ने संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू को चिट्ठी लिखकर बताया कि उनकी पार्टी का कोलकाता में कार्यक्रम है, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
किरेन रिजिजू बोले- हमने उपयोगी चर्चा की
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, हमने बहुत उपयोगी चर्चा की। मैं सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अच्छे सुझाव दिए। हमने संसद के सभी सदनों के नेताओं से सुचारु रूप से सुझाव लिए हैं, यह सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। साथ ही अपील की है कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विपक्ष और सरकार के बीच कुछ मुद्दों को लेकर हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है, इसलिए संसद में हंगामा होता है और सत्र ठीक से नहीं चल पाता। संसद की एक मिनट की कार्यवाही पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। यानी हर घंटे के हिसाब से यह रकम 1.5 करोड़ रुपए होती है। यह खर्चा सांसदों को मिलने वाली सैलरी, अलाउंस, संसद सचिवालय पर होने वाले खर्च, सचिवालय स्टाफ की सैलरी और सांसदों की सुविधाओं पर खर्च होता है। यानी जब-जब हंगामे के कारण संसद स्थगित होती है तो यह नुकसान आम जनता का होता है, क्योंकि वह टैक्स के रूप में लाखों रुपए देती है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट
संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह 12 अगस्त तक चलेगा। लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में तीसरी बार सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का यह पहला बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को सदन में बजट पेश करेंगी जिसके बाद दोनों सदनों में चर्चा होगी।