Ken-Betwa Link : दोधन डैम का टेंडर केंद्र सरकार में 6 माह से अधर में

स्वतंत्र समय, भोपाल

केंद्र तथा मप्र सरकार की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक ( Ken-Betwa Link ) परियोजना के टेंडर अभी तक नहीं हो सके हैं। जबकि दोधन डैम का निर्माण करने के लिए 4 हजार करोड़ का टेंडर जारी होने की प्रत्याशा में जलशक्ति मंत्रालय में छह महीने से पेंडिंग पड़ा हुआ है, जिसके कारण बांध सहित अन्य कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं कराए जा सके हैं।

Ken-Betwa Link से 1.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी

केन-बेतवा लिंक ( Ken-Betwa Link  ) परियोजना से मप्र की करीब 2.41 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई प्रस्तावित है। वहीं, यूपी में इससे 1.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। करीब 8 लाख लोगों को पेयजल के लिए पानी भी मुहैया कराया जाएगा। यूपी के बुंदेलखंड सहित दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ आदि जिलों में 21 किमी में लिंक चैनल का निर्माण किया जाना है। यानि 241 किमी में नहरें निर्मित कराई जाएगी। करीब 6 हजार एकड़ भूमि का उपयोग डैम सहित नहरों के निर्माण और जल भराव क्षेत्र में होगा। इसके लिए 271 हेक्टेयर निजी भूमि भी अधिग्रहित की जानी है, लेकिन जिला प्रशासन अभी तक भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू नहीं करा सका। प्रभावित परिवारों की भूमि अधिग्रहण किए जाने के एवज में 1150 करोड़ की मुआवजा राशि बांटी जाना है। साथ ही 41 छोटे-बडेÞ जलाशयों में पानी भरने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए भी अभी तक टेंडर जारी नहीं किए गए है। उधर, 22 गांव इस परियोजना में आ रहे है, जिनका विस्थापन किया जाना है।

विवादों को सुलझाने आज दिल्ली में बैठक

केन-बेतवा लिंक परियोजना में विभिन्न कार्यों सहित टेंडर जारी करने और एमपी-यूपी में कराए जाने कामों को लेकर बनी विवाद की स्थिति का निराकरण करने के लिए केंद्र सरकार ने 21 नवंबर को दिल्ली में मीटिंग बुलाई है। इस परियोजना को 2029 तक निर्मित किया जाना है।

विवाद के चलते टेंडर केंद्र में अटका

केन-बेतवा लिंक परियोजना के पहले चरण में दोधन डैम का निर्माण किया जाएगा और इसकी मंजूरी के लिए 4 हजार करोड़ का टेंडर केंद्र सरकार को 6 माह पहले भेजा गया है, जिसके अभी तक जलशक्ति मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है। सूत्र बताते है कि जलशक्ति मंत्रालय के अधीन दो कंपनियां कार्यरत हैं। एक टेंडर जारी करेगी, तो दूसरे इस परियोजना का सर्वे कराएगी और डीपीआर को स्वीकृति देगी, लेकिन केंद्र की इन दोनों की कंपनियों में टेंडर जारी करने को लेकर विवाद चल रहा है, जिसके कारण 4 हजार करोड़ का टेंडर अभी तक जारी नहीं हो सका।