देवास : हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर देवास शहर में भक्ति का माहौल बहुत खास रहा। देवास के एमजी रोड स्थित ऐतिहासिक श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस मंदिर में सुबह छह बजे महाआरती के साथ उत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। पूजा-पाठ, विशेष अनुष्ठान, भंडारे और शोभायात्राएं इस दिन को और भी दिव्य बना रही हैं। खास बात यह रही कि इस बार यह पर्व शनिवार को पड़ने से भक्तों को एक साथ हनुमान जी और शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया और हनुमान जी को चोला अर्पित किया गया।
खेड़ापति हनुमान मंदिर में लगा भक्तो का तांता
पुजारी दर्शन उपाध्याय और तृप्तेश उपाध्याय ने बताया कि यहां सच्चे मन से आने वाला हर भक्त अपने मन की मुरादें लेकर लौटता है। दिनभर मंदिर में विशेष पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान होते रहे हैं। पुजारी दक्षेश कुमार उपाध्याय ने जानकारी दी कि इस शुभ दिन पर हनुमान जी का भव्य श्रृंगार किया गया, जिससे भक्तों का उत्साह देखने को मिला हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से मंदिर आकर दर्शन लाभ लेने की अपील की। शहर के अन्य हनुमान मंदिरों में भी दिनभर भक्ति, भजन और भंडारों की गूंज सुनाई दी, जहां भक्तों ने हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर अपने आराध्य को स्मरण किया।
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड की ध्वनि से गुंजा देवास
पूरे दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ की मधुर ध्वनि गूंजती रही, जबकि विभिन्न स्थानों पर भंडारों का आयोजन हुआ। जहां हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। ‘जय हनुमान’ के जयघोषों से गूंजते इस पावन स्थल पर भक्तों ने विशेष धार्मिक उपाय भी किए—जैसे हनुमान चालीसा का सात या ग्यारह बार पाठ करना और सुंदरकांड का पाठ करना, जिन्हें बजरंग बली की कृपा प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है। भक्तों ने हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाकर अपनी आस्था प्रकट की। रामायण पाठ और भंडारों की पारंपरिक परंपरा का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने इस पर्व को पूर्ण भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया हैं।