स्वतंत्र समय, भोपाल
भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज में डाक्टरों की टीम ने सक्सेसफुली किडनी ट्रांसप्लांट ( Kidney transplant ) करके मरीज को नया जीवन दिया है। जीएमसी भोपाल की डीन डॉ. कविता सिंह ने बताया कि गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए मरीज, 49 वर्षीय मनुज कुमार (परिवर्तित नाम), लंबे समय से किडनी रोग से पीडि़त थे।
लैप्रोस्कोपिक पद्धति से किया Kidney transplant
उन्हें दो वर्ष पहले हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के दौरान किडनी की आनुवांशिक बीमारी एडीपीकेडी (एडल्ट पॉलीसिस्टिक किडनी डिसीज ) का पता चला था। 6 महीने पहले उन्हें डायलिसिस पर रखा गया। डीन डॉ. सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी श्रीमती कमला (परिवर्तित नाम) ने साहस दिखाते हुए अपनी एक किडनी दान कर उन्हें नया जीवन दिया। डीन डॉ. सिंह ने बताया कि प्रत्यारोपण में लैप्रोस्कोपिक पद्धति से किडनी ट्रांसप्लांट ( Kidney transplant ) की सर्जरी की गई है। इस पद्धति से ऑपरेशन के कम असुविधा होती है और डोनर जल्दी स्वस्थ हो जाता है।
डिप्टी सीएम शुक्ल ने टीम को दी बधाई
उल्लेखनीय है कि यह सफल प्रत्यारोपण डीन डॉ. कविता सिंह और अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. आर. आर. बर्डे, प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. सौरभ जैन (विभागाध्यक्ष, यूरोलॉजी), डॉ. अमित जैन, डॉ. समीर व्यास, डॉ. नरेंद्र कुर्मी, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. आर. पी. कौशल (विभागाध्यक्ष, निश्चेतना), डॉ. बृजेश कौशल, डॉ. श्वेता श्रीवास्तव, डॉ. राजकुमार अहिरवार, डॉ. असीम, जूनियर डॉक्टर: डॉ. रंजीत, डॉ. सौरभ, डॉ. अजय, डॉ. स्कंद, डॉ. रोहित, डॉ. दुर्गेंद्र, डॉ. नेहा, डॉ. लीना, डॉ. अरविंद, डॉ. कीर्ति सहित नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल टीम ने किया। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने गांधी मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान भारत योजना के तहत सफल गुर्दा प्रत्यारोपण (किडनी ट्रांसप्लांट) के लिये पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह सफल प्रत्यारोपण प्रदेश में टर्शियरी हेल्थ केयर को नई दिशा देगा। मध्य प्रदेश को हेल्थकेयर हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं का सहज प्रदाय शासन की प्राथमिकता है।