Kingdom Review: विजय देवरकोंडा का ‘साम्राज्य’ फैंस को आया पसंद, एक्टर की शक्तिशाली वापसी

Kingdom: 31 जुलाई 2025 को रिलीज हुई विजय देवरकोंडा की बहुप्रतीक्षित फिल्म Kingdom (तेलुगु में किंगडम) ने सिनेमाघरों में दस्तक दी है। यह फिल्म एक पैन-इंडिया प्रोजेक्ट है, जो हिंदी, तेलुगु और तमिल में रिलीज हुई है। गौतम तिन्नानूरी के निर्देशन में बनी यह स्पाई थ्रिलर और भावनात्मक ड्रामा का मिश्रण है, जिसमें विजय देवरकोंडा ने अपने करियर की सबसे प्रभावशाली परफॉर्मेंस दी है। आइए, इस फिल्म की कहानी, अभिनय, और तकनीकी पहलुओं पर नजर डालते हैं।

Kingdom: भावनाओं और एक्शन का संगम

Kingdom की कहानी सूरी (विजय देवरकोंडा) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक साधारण पुलिस कॉन्स्टेबल है। एक गुप्त मिशन के दौरान वह अनजाने में एक खतरनाक जासूसी ऑपरेशन में फंस जाता है। कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब सूरी का लंबे समय से बिछड़ा भाई शिव (सत्यदेव कंचराना) इस मिशन का हिस्सा बनता है। यह फिल्म भाईचारे, बलिदान, और देशभक्ति की भावनाओं को दर्शाती है, जो श्रीलंका की पृष्ठभूमि में एक जासूसी थ्रिलर के साथ मिश्रित है।

हालांकि पहले हाफ में कहानी थोड़ी धीमी लगती है, लेकिन दूसरे हाफ में यह गति पकड़ती है। गौतम तिन्नानूरी ने भाईचारे के रिश्ते को भावनात्मक रूप से पेश करने की कोशिश की है, लेकिन कुछ जगहों पर स्क्रिप्ट और गहराई की कमी खलती है। फिर भी, क्लाइमेक्स दर्शकों को बांधे रखता है और कहानी को एक संतोषजनक अंत देता है।

Kingdom: विजय और सत्यदेव की जोड़ी चमकी

विजय देवरकोंडा ने सूरी के किरदार में जान डाल दी है। उनकी संयमित और स्वाभाविक अभिनय शैली इस फिल्म को खास बनाती है। चाहे वह एक्शन सीन्स हों या भावनात्मक दृश्य, विजय ने हर मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन किया है। खासकर जेल में भाई के साथ पुनर्मिलन का दृश्य उनकी अभिनय क्षमता का शानदार उदाहरण है। यह निश्चित रूप से उनके करियर की सबसे परिपक्व और प्रभावशाली परफॉर्मेंस में से एक है।

सत्यदेव कंचराना ने शिव के रूप में बेहतरीन अभिनय किया है। उनका किरदार फिल्म के भावनात्मक आधार को और मजबूत करता है। भाग्यश्री बोरसे का रोल सीमित है, लेकिन वह अपने हिस्से को अच्छे से निभाती हैं। हालांकि, खलनायक मुरुगन (वेंकिटेश वी. पी.) का किरदार थोड़ा कमजोर और रूढ़िगत लगता है, जिसे और बेहतर लिखा जा सकता था।