जानिए ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर के 5 बड़े रहस्य रहस्य, जिन्हे जानकर आप रह जाएंगे दंग

The Mysterious Jagannath Temple :आज हम आपको उड़ीसा के विश्व प्रसिद्ध पुरी के जगन्नाथ मंदिर के रहस्य बताने जा रहे है। जिन्हें जानकर सब हैरान हो जाते है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ को विष्णु जी का आठवां अवतार श्री कृष्ण का एक स्वरूप माना जाता है। ओडिशा में जगन्नाथ पुरी मंदिर अति प्राचीन मंदिर माना जाता है। इस मंदिर को वैष्णव परंपरा का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान माना जाता है।

इस मंदिर की धार्मिक मान्यताएं काफी हैरान करने वाली है। पौराणिक मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर की मूर्ति में आज भी भगवान श्री कृष्ण का दिल धड़कता है। आस्था के इस पावन धाम में प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने आते है।

इस मंदिर ने भगवान जगन्नाथ के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमा विराजमान है। आपको बता दें कि जगन्नाथ पुरी मंदिर को सनातन धर्म से जुड़े चार धाम में से एक माना जाता है।

चलिए जानते है इस मंदिर के रहस्य…….

  1. जगन्नाथ मंदिर में महाप्रसाद बनाने के लिए 7 मिट्टी के बर्तन एक के ऊपर एक क्रम में रखे जाते है। हैरान करने वाली बात ये है कि जिस बर्तन को सबसे ऊपर रखा जाता है, उसमें खाना सबसे पहले पकता है,जबकि नीचे रखे हुए बर्तन में खाना सबसे देरी में पकता है।

2. मंदिर में दिन के समय हवा समुद्र से जमीन की ओर चलती है, जबकि शाम के समय हवा जमीन से समुद्र की ओर चलती है। साथ ही जगन्नाथ मंदिर का ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।

3. इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 214 फीट है। इस मंदिर की इमारत 45 मंजिला इमारत जितनी ऊंची है, लेकिन इस मंदिर के शिखर की छाया हमेशा गायब ही रहती है। यानी इसकी परछाई नहीं बनती है।

4. आपको बता दें कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से ना ही कभी कोई हवाई जहाज उड़ता है और ना ही कोई पक्षी मंदिर के शिखर पर बैठता है। ऐसा भारत के किसी भी मंदिर में नहीं देखा गया है।

5. मंदिर की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हर 12 साल के भीतर भगवान जगन्नाथ और उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र की मूर्तियों को बदला जाता है। यानी नई मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। इन मुर्तियों को बदलते वक्त पूरे शहर की बिजली को काट दिया जाता है। इस परंपरा को ‘नवकलेवर’ कहा जाता है।

मूर्ति बदलने की परंपरा को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। इस दौरान मंदिर के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात किया जाता है। आपको बता दें कि भगवान की मूर्तियां बदलने के दौरान केवल एक प्रधान पुजारी  ही मंदिर में मौजूद रहता है और उस पुजारी की आंखो पर भी पट्टी बंधी होती है।