श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पूरे इंदौर शहर में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जन्माष्टमी के एक दिन पहले ही शहर के कृष्ण मंदिरो में सुबह से भक्तो की खास भीड़ देखी जा रही है। आपको बता दें कि शहर के कुछ मंदिरो में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व 15 अगस्त को मनाया जाएगा, जबकि कुछ मंदिरों में 16 अगस्त को मनाया जाएगा।
राजावाड़ा के पीछे खजुरी बाजार में यशोदा माता मंदिर सहित 50 से अधिक कृष्ण मंदिरों में 16 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इन प्राचीन मंदिरों में सजावट का कार्य जारी है।
खजूरी बाजार के यशोदा माता मंदिर में 16 अगस्त से तीन दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की शुरुआत होगी। जिसकी समय सारणी इस प्रकार है-
16 अगस्त को सुबह 6 बजे महाभिषेक होगा और 10 प्रमुख मूर्तिंयां जैसे यशोदा माता, नंद बाबा, राधा-रुक्मिणी, लक्ष्मीनारायण को नए वस्त्र, मुकुट, तिलक व आभूषण पहनाए जाएंगे। सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक निःसंतान महिलाओं की गोद भराई रस्म निभाई जाएगी। वहीं दोपहर 1 से 3 बजे श्याम बैंड द्वारा भजन आयोजित होंगे और रात 12 बजे महाआरती होगी। जिसके बाद 17 अगस्त को नंदोत्सव, 18 अगस्त को भजन संध्या का आयोजन होगा।
जानकीनाथ मंदिर गोराकुंड, में 16 अगस्त को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन होंगे। सुबह अभिषेक और पूजन, शाम को भगवान का बाल स्वरूप में श्रृंगार किया जाएगा। वहीं रात 12 बजे प्रकटोत्सव और महाआरती होगी। भक्तों को धनिया पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा
गोवर्धननाथ मंदिर, मल्हारगंज में भी 16 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। यहां भगवान कृष्ण का महाभिषेक, श्रृंगार दर्शन और रात 12 बजे महाआरती होगी। जिसके बाद पेड़े की प्रसादी वितरण की जाएगी। वहीं 17 अगस्त को मंदिर में आयोजित होने वाले नंदोत्सव में भगवान को पालने में झुलाया जाएगा। आपको बता दें कि यह मंदिर नाथद्वारा की परंपरा पर चलता है, जहाँ मीडिया और आमजन को भगवान की फोटो लेने की अनुमति नहीं है।
राधाकृष्ण मंदिर, आड़ा बाज़ार में 10 अगस्त से 8 दिवसीय जन्माष्टमी उत्सव चल रहा है। मुख्य आयोजन 16 अगस्त को होगा।
राजवाड़ा के गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जा रही है। सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक मोगरा, जूही, गुलाब और कमल के फूलों से बाल राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया गया। सुबह 8:30 बजे राजशाही अंदाज में आरती हुई और11:30 बजे राधा-कृष्ण को राजसी भोग अर्पित किया गया। वहीं शाम 5 बजे 11 पंडितों द्वारा महाभिषेक होगा और शाम 7:30 बजे भजन संध्या होगी। जिसके बाद रात 12 बजे महाआरतील होगी। आरती के बाद सवा 2 क्विंटल पंजीरी और लड्डू का प्रसाद वितरित किया जाएगा। इससे पहले छठ उत्सव का आयोजन होगा, जिसमें महिलाएं भजन-कीर्तन करेंगी।
बांके बिहारी मंदिर, राजवाड़ा में 15 अगस्त को जन्माष्टमी का आयोजन हो रहा है। यहां सुबह 5 बजे मंगला आरती, 7 से 8 बजे पंचामृत अभिषेक और 9:30 बजे श्रृंगार आरती के बाद 10 बजे 56 भोग अर्पण लड्डू गोपाल की विशेष मूर्ति का श्रृंगार कोलकाता से मंगवाए वस्त्रों से किया गया। वहीं रात 12 बजे जन्मोत्सव की आरती के बाद 2 क्विंटल पंजीरी और 51 किलो माखन-मिश्री का प्रसाद वितरण किया जाएगा।