जानें कौन है हर्षिका सिंह, जिन्हें इंदौर नगर निगम का कमिश्नर बनाया गया, पीएम मोदी के हाथों भी हुईं है सम्मानित

रीवा जिले की बहू हर्षिका सिंह को इंदौर की नई निगम आयुक्त बनाया गया है इंदौर की नई निगम आयुक्त हर्षिका सिंह रीवा जिले की बहू हैं।हर्षिका सिंह मंडला कलेक्टर रह चुकी है, जबकि प्रतिभा पाल को रीवा कलेक्टर की ज़िम्मेदारी दी गई है।

हर्षिका सिंह ने विश्व के सबसे बड़े संस्थान लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है, हर्षिका सिंह 2012 बैच की आईएएस अधिकारी हैं , शहर की नई निगम आयुक्त हर्षिका सिंह झारखंड के रांची से संबंध रखती है, उनकी परवरिश वही से हुई है।

आपको बता दें हर्षिका सिंह रीवा जिले की बहू हैं उनके ससुर लाल बहादुर सिंह रीवा में जनपद अध्यक्ष रह चुके हैं तथा उनके पति रोहित सिंह भी एक आईएएस अधिकारी हैं।

मंडला जिले के कलेक्टर रहने के दौरान 58 परसेंट साक्षरता वाले जिले को पूर्ण साक्षर करने में प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है , जबलपुर पदस्थापना के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से उनका विवाद भी काफी सुर्खियों में रहा है।

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रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान की रहने वाली हर्षिका सिंह ने मंडला में शिक्षा की ऐसी अलख जगाई कि यह जिला पूर्ण साक्षर घोषित हो गया और यहां के प्रत्येक रहवासी आज अपना नाम खुद लिखने के साथ गिनती काउंट कर लेते है। इसके लिए कलेक्टर रही हर्षिका सिंह ने वहां के लोगो के साथ मिलकर काम की और आज मंडला को देश की पहचान दिलाने में न सिर्फ सफल रही बल्कि अब पिछड़ी-आदिवासी जिलों में मंडला देश का पहला पूर्ण साक्षर जिला बनाने में सफल हो गया है।

यहां एक पहलू यह भी रहा कि लोगो को साक्षर करने के लिए कलेक्टर हर्षिका सिंह ने ऐसा काम किया कि सरकार का एक पैसा खर्च नही हुआ। बिना पैसा खर्च किए जिस तरह से मंडला को पूर्ण साक्षर करने में कलेक्टर हर्षिका सिंह सफल रही, उससे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रभावित हुए है। उन्होने इस कार्य के लिए नई दिल्ली में हर्षिका सिंह को सम्मानित किया है।

ऐसा चलाया साक्षरता अभियान मंडला के लोगो को साक्षर करने के लिए कलेक्टर हर्षिका सिंह ने जिले भर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, यहां आने वाले छोटे बच्चों के साथ-साथ आशा कार्यकर्ता और अन्य स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करके साक्षरता अभियान प्रारंभ किया। इसका परिणाम यह रहा कि उनकी प्रेरणा से सभी लोग जुट गए और अपने अपने गांव में जितने भी निरीक्षण एवं गैर पढ़े लिखे लोग थे, सबको साक्षर कर पढऩा लिखना सिखा दिया। पिछड़े जिले में शुमार होने वाले मंडला जिला अब खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

हर्षिका सिंह झारखंड के रांची से संबंध रखती हैं, उनकी परवरिश वहीं से हुई है। हर्षिका ने विश्व के सबसे बड़े संस्थान लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है। 2012 बेच की आईएएस हर्षिता सिंह रीवा की बहु हैं। उनके सुसर लालबहादुर सिंह रीवा में जनपद अध्यक्ष रह चुके हैं। पति रोहित सिंह भी आईएएस हैं। मंडला जिले के कलेक्टर रहने के दौरान 58% साक्षरता वाले जिले को पूर्ण साक्षर करने पर प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। जबलपुर पदस्थापना के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से उनका विवाद भी सुर्खियों में रहा था।