जानिए आखिर क्यों पुरी के जगन्नाथ मंदिर का ध्वज रोज बदला जाता है? उल्टे चढ़कर जाता है पुजारी 

Mysteries of Jagannath Temple : ओडिशा के पुरी में स्थित विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और धार्मिक मान्यताएं बड़ी हैरान करने वाली हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर लगा झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। 45 मंजिला इमारत जितने ऊंचे इस मंदिर पर ध्वज को बदलने के लिए प्रतिदिन मंदिर के पुजारी उल्टे चढ़कर जाते है।

इसके पीछे मान्यता है कि अगर किसी दिन गलती से झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर अगले 18 वर्षों के लिए बंद हो जाएगा। प्रतिदिन ध्वज बदलने की ये परंपरा लगभग 1800 साल पुरानी है। ध्वज भी इतना भव्य है कि वह जब हवा में लहराता है तो लोग उसे देखते ही रह जाते है। भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर के ध्वज पर शिव का चंद्र बना हुआ होता है।

आपको बता दें कि पुरी का जगन्नाथ मंदिर भारत का सबसे ऊंचा और भव्य मंदिर है। ये मंदिर लगभग 4 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है और इसकी लंबाई लगभग 214 फुट है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि पुरी नगर के किसी भी स्थान से मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह हमेशा आपको अपने सामने लगा हुआ ही दिखेगा। इसे नील चक्र भी कहते है और ये अष्टधातु से बना है इसे बेहद पवित्र माना जाता है।

केवल इतना ही नहीं श्री जगन्नाथ मंदिर के रसोइघर में महाप्रसाद बनाने के लिए 7 मिट्‌टी के बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि जो बर्तन सबसे ऊपर रखा जाता है, उसमें सबसे पहले खाना पकता है और फिर उसके नीचे के बर्तन में खाना पकता है। आपको बता दें कि जिस बर्तन में सबसे ज्यादा आंच लगती है, उसमें खाना सबसे देरी में पकता है। इस रसोई में प्रतिदिन लगभग 500 रसोइए और लगभग 300 सहकर्मी भोजन तैयार करते हैं।