जब दुनिया के अलग-अलग कोनों में योग को बेहत्तर स्वास्थ्य का ज़रिया बनाया जा रहा था, तब भोपाल के गांधीनगर स्थित कुष्ठ आश्रम में योग का दिव्य उत्सव मनाया जा रहा था। जहां कुष्ठ पीडितों को कृष्णा गुरुजी ने योग के बाद नेत्रदान का संकल्प दिलाया। यहां कुष्ठ पीडितों ने योग और डिवाइन हीलिंग के साथ एक नई दिशा को प्राप्त किया। जहां कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसाइटी का साथ मिला।
अंतरराष्ट्रीय योग का अदभूत आयोजन
यहां इस वर्ष 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कुछ खास बन गया, जब अंतरराष्ट्रीय योगाचार्य कृष्णा मिश्रा (कृष्णा गुरुजी) ने उन लोगों के योग दिवस मनाया। यहां पर कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई, फिर कृष्णा गुरुजी ने रोगियों को उनके शरीर की सीमाओं के अनुसार अनुकूलित प्राणायाम और सरल योगासन कराए। ग्रीवा संचालन, स्कंध संचालन, ताड़ासन, भ्रामरी, नाड़ी शोधन, पितृ प्राणायाम और अंत में एक गहन ध्यान सत्र का आयोजन हुआ जिसमें कुष्ठ रोगियों ने बेहत्तर अनुभव किया।
नेत्रदान का भावुक क्षण
कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण वह था जब सभी रोगियों ने सामूहिक रूप से नेत्रदान का संकल्प लिया। इस दौरान यहां पर “तुझ में नारायण, मुझ में नारायण” की पंक्तियाँ गूंज रही थीं, और हर आंख से श्रद्धा के आँसू बह रहे थे। यहां पर गुरुजी ने रोगियों को समझाया कि हीलिंग भी योग का ही एक दिव्य अंग है। उन्होंने Divine Astro Healing की तकनीकें सिखाईं, और कई रोगियों को Healing Touch Therapy देकर ऊर्जा-संतुलन में मदद की।
सम्मान और सेवा का संगम
गुरुजी ने आश्रम की संचालिका श्रीमती रोशनी को उनके निःस्वार्थ सेवा-कार्य के लिए सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से अंजना मिश्रा, प्रणय मिश्रा और विजय केलकर सक्रिय रूप से शामिल रहे।