सीहोर की अर्थ व्यवस्था के लिए सुपर बूस्टअप साबित हो रहा कुबेरेश्वरधाम

स्वतंत्र समय, सीहोर

जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में हर साल करीब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहां पर आते है और पूजा अर्चना करते है, पिछले दो दिन में विठलेश सेवा समिति ने साढ़े चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष का वितरण किया है और शनिवार और रविवार को करीब छह लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पर आए है। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कारण सीहोर की अर्थव्यवस्था में पंख लग गए है और मार्च में होने वाले रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर क्षेत्र सहित आस-पास में तैयारियां चल रही है।
धाम की प्रसिद्ध ने बड़ा इपैक्ट डाला है, यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि एक साथ इतने श्रद्धालु तो किसी ज्योर्तिलिंग में भी नहीं आते है। जिससे क्षेत्र का सामाजिक विकास हो रहा है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में भी कारगर सिद्ध हो रहा है। रविवार को रुद्राक्ष वितरण के दौरान समिति के पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला, मनोज दीक्षित मामा, यश अग्रवाल, सौभाग्य मिश्रा, रविन्द्र नायक, भूपेन्द्र शर्मा आदि की टीम साथ थी। भागवत भूषण गुरुदेव के निर्देशानुसार मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन-प्रसादी, पेयजल और चिकित्सा आदि का निशुल्क इंतजाम किया गया है। विठलेश सेवा समिति के सेवादारों के द्वारा श्रद्धालुओं की सेवा की जा रही है। रविवार को भी यहां पर आने वाले तीन लाख से अधिक श्रद्धलुओं के भोजन सहित अन्य का इंतजाम किया। भागवत भूषण श्री मिश्रा की प्रेरणा से हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण आते है और अधिकांश की मनोकामनाएं भगवान शीघ्र पूरी कर रहा है।
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि इकोनॉमिक्स की दृष्टि से अगर समझें तो 25 हजार से अधिक लोग प्रतिदिन कुबेरेश्वरधाम में आते हैं और रुकते हैं, अधिकतर होटल फुल मिलेंगे। जब लोग होटल में रुकते हैं तो यहां की इकोनॉमी पर उसका असर पड़ रहा है। उसका अच्छा ग्रोथ हो रहा है। विश्व के दो सबसे बड़े धार्मिक स्थलों की बात करें तो पहले स्थान पर मक्का है। यहां हर साल 2 करोड़ लोग पहुंचते हैं। वहीं वेटिकन सिटी में हर साल करीब 90 लाख श्रद्धालु पहुंचते है, लेकिन आगामी दिनों में रुद्राक्ष महोत्सव और मंदिर परिसर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा के बाद तो हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु आऐंगे। वैसे तो प्रतिदिन 20 हजार से तीस हजार श्रद्धालु आते है और छुट्टी के दिन यह आंकड़ा डेढ़ लाख के पार हो जाता है। जिससे एक साल में करीब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहां पर आते है।
मंदिर परिसर के समीपस्थ ग्राम भटौनी के सरपंच प्रतिनिधि धरम सिंह मेवाड़ा ने बताया कि गुरुदेव के आशीर्वाद से धाम विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। नापली, चितावलिया, गुडभेला के अलावा क्षेत्र के तीस से चालीस किलोमीटर दूर तक तेजी से निर्माण कार्य हो रहे है। लोगों ने अपने खेतों में मकाननुमा होटल के अलावा क्षेत्र में हजारों की संख्या में ढाबे, होटल, दुकाने आदि खोल ली है। क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ये बदलाव आध्यात्मिक और आर्थिक रूप दोनों ही तरह से हुआ है। पहले यहां पर रोज करीब 10 हजार श्रद्धालु आते थे लेकिन अब यहां करीब 30 से 40 हजार से अधिक श्रद्धालु रोज आते हैं। आगामी दिनों में रुद्राक्ष महोत्सव है और हम सभी ग्रामीण यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करने को तत्पर है, जो भी आदेश गुरुदेव देंगे उसका सामूहिक रूप से पालन किया जाएगा। गुरुदेव के आशीर्वाद से ग्रामीण और शहरी के अलावा आस-पास के हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।