कूनो नेशनल पार्क में फिर मातम, नामीबियाई चीता ‘वीरा’ के एक शावक की मौत, अब तक 12 चीतों ने तोड़ा दम

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (KNP) से एक बार फिर चीतों को लेकर चिंताजनक खबर सामने आई है। मंगलवार को नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘वीरा’ के चार शावकों में से एक की मौत हो गई। वन विभाग की निगरानी टीम को शावक का शव मिला, जिसके बाद इसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इस घटना के साथ ही प्रोजेक्ट चीता के तहत मरने वाले चीतों की कुल संख्या 12 हो गई है।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वीरा ने इसी साल मार्च में इन चार शावकों को जन्म दिया था। जन्म के बाद से ही सभी शावक अपनी मां के साथ बाड़े में थे और उनकी लगातार निगरानी की जा रही थी। मंगलवार को जब निगरानी टीम मौके पर पहुंची, तो उन्हें एक शावक मृत अवस्था में मिला। बाकी तीन शावक अपनी मां वीरा के साथ हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

मौत का कारण अज्ञात, जांच जारी

फिलहाल, शावक की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह स्पष्ट हो पाएगी। कूनो के पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ मामले की जांच कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर प्रोजेक्ट चीता के सामने खड़ी चुनौतियों को उजागर कर दिया है, खासकर शावकों के जीवित रहने की दर को लेकर।

प्रोजेक्ट चीता: अब तक 12वीं मौत

यह मौत कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता के तहत हुई 12वीं मौत है। इससे पहले 7 वयस्क चीतों और 4 शावकों की जान जा चुकी है। पिछले साल, नामीबियाई चीता ‘ज्वाला’ ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से तीन की भीषण गर्मी और कमजोरी के कारण मौत हो गई थी। इस नई मौत के बाद, भारत में जन्मे कुल 21 शावकों में से 5 अपनी जान गंवा चुके हैं।

इस घटना के बाद अब कूनो में चीतों की कुल संख्या 26 रह गई है। इनमें 13 वयस्क चीते (7 नर और 6 मादा) और 13 शावक शामिल हैं। गौरतलब है कि प्रोजेक्ट चीता के तहत 2022 और 2023 में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 वयस्क चीते लाए गए थे। लगातार हो रही मौतों ने वन्यजीव विशेषज्ञों और सरकार की चिंता बढ़ा दी है। शावकों का जीवित रहना इस परियोजना की सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।