स्वतंत्र समय, भोपाल
श्योपुर के कूनो ( Kuno ) नेशनल पार्क में इन दिनों चीतों की निगरानी बढ़ा दी गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी वर्षा के मौसम में बीते साल नमी के कारण कई चीतों की गर्दन में रेडियो कालर आइडी से घाव हो गए थे। उनकी निगरानी ठीक से नहीं हो पाई तो घाव से संक्रमण हुआ और तीन चीतों की मौत हो गई थी।
Kuno प्रबंधन ने बायनोक्यूलर (दूरबीन) भी उपलब्ध कराए
वर्षा के मौसम में कूनो ( Kuno ) के कोर एरिया में ऊंची घास उग आती है। इस घास की लंबाई अधिक होती है, यही कारण है कि चीते आसानी से नजर नहीं आते। ऐसे में चीतों की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी जरूरी है। इसके लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं। वन रक्षकों को कूनो प्रबंधन ने बायनोक्यूलर(दूरबीन) भी उपलब्ध कराए हैं जिससे चीतों की हर गतिविधि को देखा जा सके। कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 13 वयस्क चीते और 13 शावक मौजूद हैं। इनमें नर चीता पवन खुले जंगल में है। हाल ही में वर्षा के मौसम को देखते हुए संक्रमण रोकने के लिए वयस्क चीतों को एंटी डाट टीका लगाया गया। कोर एरिया में 10 से 12 फीट की घास होने के कारण चीतों की कभी-कभी सिर्फ आंखें ही दिख पाती हैं, वहीं यह फुतीर्ला होने के कारण तत्काल मूवमेंट बदल देता है, ऐसे में चीता पूरी तरह से ठीक है या नहीं, यह वन रक्षकों को बारीकी से देखना होता है। इसी कारण निगरानी बढ़ाई गई है।