इंदौर में एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति की मौत कुत्ते के काटने के बाद रेबीज वायरस के संक्रमण से हो गई। जानकारी के अनुसार, मृतक को तीन माह पहले एक पागल कुत्ते ने काटा था। उसने एंटी रेबीज के तीन इंजेक्शन लगवा लिए थे, लेकिन दो डोज बाकी रह गए थे। इस बीच अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और हालत गंभीर हो गई।
पत्नी की गोद में तोड़ा दम, मौत से पहले हुई अजीब हरकतें
मृतक का नाम गोविंद पेवाल (45 वर्ष), निवासी जूनी इंदौर बताया गया है। परिजनों ने बताया कि अचानक गोविंद अजीबोगरीब हरकतें करने लगे थे। पानी देखते ही वह डरकर भाग जाते थे और तेज हवा से भी घबराते थे। वह कभी आक्रामक हो जाते और कभी पागलपन जैसी हरकतें करने लगते। उनकी पत्नी संगीता ने उन्हें संभालने की बहुत कोशिश की। यहां तक कि वह उन्हें गले लगाकर गाने सुनाती रहीं, लेकिन रविवार, 7 सितंबर को उनकी मौत हो गई।
तीन महीने पहले कुत्ते ने किया था हमला
परिवार के मुताबिक, घटना करीब तीन महीने पुरानी है। गोविंद रात को घर के बाहर सो रहे थे, तभी अचानक एक कुत्ता उनके चेहरे और होंठों को काटकर चबा गया। शोर सुनकर पत्नी और बेटा दौड़े, तब जाकर कुत्ता भागा। हमले में गोविंद का चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया था। अगली सुबह उन्हें सरकारी हुकुमचंद अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने ड्रेसिंग करने के साथ एंटी रेबीज का पहला इंजेक्शन लगाया था।
इलाज के बावजूद वायरस ने असर दिखाया
डॉक्टरों ने बताया कि गोविंद ने तीन डोज तो ले लिए थे, लेकिन अभी दो डोज बाकी थे। वायरस सीधे चेहरे और होंठों से शरीर में गया था, जिसके कारण संक्रमण तेजी से फैला और ब्रेन तक पहुंच गया। यही वजह रही कि समय पर इलाज के बावजूद उनका जीवन नहीं बचाया जा सका। डॉक्टरों ने कहा कि यह रेबीज के गंभीर असर का मामला है।
इंदौर में डॉग बाइट के आंकड़े डराने वाले
केवल इस साल की बात करें तो इंदौर में कुत्तों के हमलों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से लेकर अगस्त 2025 तक 4461 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए हैं। हुकुमचंद अस्पताल में रोजाना औसतन 150 केस दर्ज हो रहे हैं। यह आंकड़ा साफ करता है कि शहर में आवारा कुत्तों का खतरा किस तरह लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है।
नजदीकी संपर्क वालों के लिए भी खतरा
रेबीज से मरने वाले मरीज के संपर्क में आने वालों के लिए भी खतरा बना रहता है। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज की लार, आंसू, पसीना, थूक और यहां तक कि यूरिन व स्टूल से भी वायरस फैल सकता है। इस कारण डॉक्टरों ने मृतक गोविंद के परिवार और नजदीकी लोगों को सलाह दी है कि वे तुरंत एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं। खासतौर पर पत्नी और बेटे को यह टीका एक हफ्ते के भीतर लेना ही होगा, ताकि वायरस का असर उन पर न हो।
डॉक्टरों की चेतावनी और अपील
एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा है कि अगर किसी को कुत्ता काटे तो एक भी डोज मिस नहीं करनी चाहिए। साथ ही मरीज की चोट अगर चेहरे या ऊपरी हिस्से पर है तो खतरा और भी बढ़ जाता है, क्योंकि वायरस सीधे दिमाग तक पहुंच सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कुत्ते के काटने पर तुरंत अस्पताल पहुंचे और पूरे कोर्स के इंजेक्शन लगवाना न भूलें।