मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में उद्योगों की कमी को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए हैं। तोमर का यह बयान उस समय पर आया है जब राज्य की राजनीति में कुछ भाजपा विधायकों ने अपनी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा है।
सिंधिया के दरवाजे पर बैठकर उठाऊंगा मुद्दा
तोमर ने ग्वालियर को औद्योगिक नगरी बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क किया है। उनका कहना है कि ग्वालियर में उद्योगों की जो जरूरत है, वह पूरी नहीं हो पा रही है। तोमर ने कहा, “मैंने सिंधिया से यह अनुरोध किया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलकर ग्वालियर के लिए उद्योगों का रास्ता खोलने के प्रयास करें। अगर जरूरत पड़ी, तो मैं सिंधिया के दरवाजे पर बैठकर भी यह मुद्दा उठाऊंगा।”
अपनो को ही कर रहे कठघरे में खड़ा
यह पहली बार नहीं है जब भाजपा के किसी नेता ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले आलोट विधानसभा के विधायक चिंतामणि मालवीय ने उज्जैन में भूमि अधिग्रहण को लेकर आरोप लगाए थे, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था। वहीं, मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने भी पुलिस अधिकारियों के सामने गुंडों से सुरक्षा की मांग की थी, जो एक बड़ा विवाद बन गया था।
नए औद्योगिक दृष्टिकोण का संकेत
राज्य सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन भी किया गया था, जिसमें 8 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव और 35 हजार रोजगार सृजन का दावा किया गया।
तोमर का बयान ग्वालियर के लिए एक नए औद्योगिक दृष्टिकोण का संकेत है, और यह स्पष्ट करता है कि प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए और प्रयासों की आवश्यकता है।