एजेंसी, नई दिल्ली
भारत सरकार की ओर से भारत रत्न सम्मान के एलान के बाद पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी पहली बार नजर आए हैं। उन्होंने अपने घर से हाथ हिलाकर लोगों और मीडियाकर्मियों का अभिवादन किया है। उनके साथ उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी भी नजर आईं। भाजपा के संस्थापक चेहरों में से एक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। खुद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री ने पोस्ट में कहा कि भारत के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के तौर पर काम करते हुए चला।
कराची में जन्मे… कानून की पढ़ाई की
भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोडक़र मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।
सबसे अधिक समय तक भाजपा अध्यक्ष रहे
आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान में आरएसएस प्रचारक के काम में लगे रहे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी। 1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया। लालकृष्ण आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। 1984 में महज दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं। पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और भाजपा सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी।
आडवाणी ने जन भावनाओं का किया नेतृत्व
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सामाजिक जीवन में साफ सुथरा जीवन जीने वालों को इससे प्रेरणा मिलेगी। आडवाणी ने पत्रकार के तौर पर लंबी यात्रा और राजनीति में प्रतिपक्ष के साथ साथ आपातकाल में भी सेनानी की भूमिका निभाई। मुझे प्रसन्नता है कि भगवान राम को लेकर उन्होंने जनभावनाओं का नेतृत्व किया। उन्हीं के कारण पूरा देश भगवान राम के साथ खड़ा हुआ था। देश के गृहमंत्री के तौर पर भी आडवाणी की बड़ी जिम्मेदारी निभाई थी।
पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता गदगद
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा से पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता गदगद है। यह ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर विकास में महती भूमिका निभाई। उन्होंने जीवन का एक-एक पल देश व समाज के लिए समर्पित किया है।
एक व्यक्ति नहीं, संस्था हैं आडवाणी
पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि आडवाणी एक व्यक्ति नहीं, एक संस्था हैं। उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण भारत माता के चरणों में समर्पित कर दिया। देश को विकास की राह पर पहुंचाने में उनका अतुलनीय योगदान है। देशवासी आज प्रसन्न और गदगद हैं। मैं आडवाणी को बधाई देकर पीएम मोदी के प्रति हृदय से धन्यवाद करता हूं।