जमीन के Natwarlals ने कैंसर के मरीज को भी नहीं छोड़ा


राजेश राठौर
EXCLUSIVE

स्वतंत्र समय, इंदौर

जमीन में हेराफेरी करने वालों पर लगाम कसने के लिए शासन-प्रशासन कितने ही कठोर कदम उठा ले, बावजूद इसके ये जमीन के लुटेरे नटवरलाल ( Natwarlals  ) अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं। आज भी शहर में कई बुजुर्ग ऐसे हैं जो अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई जमीन पर दूसरे लोगों द्वारा अवैध कब्जा करने के कारण परेशान हो रहे हैं। ऐसा ही वाक्या कनाडिय़ा में रहने वाले 80 साल के बुजुर्ग, जो कई साल तक कैंसर की बीमारी से लड़े, अब अपनी खुद की खरीदी हुई जमीन को पाने के लिए भटक रहे हैं।

Natwarlals ने रामगोपाल से 12.50 एकड़ खरीदी थी जमीन

कैंसर पीड़ित 80 वर्षीय रामगोपाल पिता बद्रीलाल ने अपने रिश्तेदार रमेश पिता रामविलास के साथ मिलकर 1965 में कनाडिया इलाके में सर्वे नंबर 20 रकबा 11.29 एवं सर्वे नंबर 28 रकबा 1.29 कूल 12.50 एकड़ खेती की जमीन रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से खरीदी थी, लेकिन इसके करीब 39 साल बाद रिश्तेदार रमेश ने जमीन के कागजातों में बिना अनुमति के धोखाधड़ी कर पीडि़त रामगोपाल का नाम हटवाकर छोटे भाई बाबूलाल का नाम पंजी में डलवा दिया। एक तरफ जहां रामगोपाल अपनी कैंसर की बीमार का इलाज करवा रहे थे वहीं दूसरी ओर रमेश और बाबूलाल ने बिना रामगोपाल की अनुमति के जमीन के हिस्सों में 50 फीसदी का बटवारा कर लिया और प्लाट काटकर बेचने का काम शुरू कर दिया। इस पर पीडि़त ने कोर्ट में स्टे के लिए मामला दायर किया। कोर्ट में केस विचाराधीन होने के चलते जमीन पर संचालित होने वाला कार्य रुक जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रमेश और बाबूलाल ने स्काय लक्ज़रिया ग्रीन के डेवलपर्स सागर चावला एवं एक अन्य मालिक के साथ मिलकर काम चलने दिया और विवादित जमीन पर रेरा की भी अनुमति ले ली। भूमाफिया सागर चावला व एक अन्य और रेरा की मिली भगत से विवादित संपत्ति पर आज प्लॉट सेल हो रहे हैं। स्काई लक्ज़रिया ग्रीन नाम से जो कॉलोनी प्लाट विक्रय किए जा रहे हंै वह विवादित जमीन है, जिसकी ग्राहकों को भनक तक नहीं।