स्वतंत्र समय, चंडीगढ़
गुरुग्राम जमीन घोटाला केस में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ( Robert Vadra ) से लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में पूछताछ की गई। वह सुबह करीब 11 बजे ऑफिस पहुंचे थे। उन्हें छोडऩे के लिए खुद प्रियंका गांधी आईं। इससे पहले मंगलवार को भी ईडी ने वाड्रा से करीब 6 घंटे पूछताछ की थी। वाड्रा पूछताछ के लिए पैदल ही दफ्तर पहुंचे थे।
Robert Vadra ने कहा, हम सॉफ्ट टारगेट नहीं
बुधवार को पेशी पर जाने से पहले वाड्रा ( Robert Vadra ) ने कहा-मैं कभी भी अपने आपको सॉफ्ट टारगेट नहीं बुलाऊंगा। आप (केंद्र सरकार) मुझे परेशान करोगे या कोई प्रेशर डालोगे तो मैं और उभरकर आऊंगा, स्ट्रॉन्ग बनूंगा। हम लोगों की बात रखते हैं, इसलिए टारगेट पर हैं। हम किसी से डरते नहीं हैं। हम हमेशा लोगों के लिए लड़ते रहेंगे। संसद में चाहे राहुल गांधी को रोका जाए या मुझे बाहर रोका जाए, हम सच्चाई और लोगों के लिए लड़ते रहेंगे। हम टारगेट जरूर हैं, पर सॉफ्ट टारगेट नहीं हैं। हम हार्ड टारगेट हैं, और हार्डर (मजबूत) बनते रहेंगे। समय बदलता रहता है।
ईडी ने 8 अप्रैल को भेजा था वाड्रा को समन
इस मामले में ईडी ने 8 अप्रैल को भी वाड्रा को समन भेजा था, हालांकि तब वह पेश नहीं हुए थे। मंगलवार को ईडी दफ्तर जाते समय वाड्रा ने कहा था कि यह कार्रवाई राजनीतिक मकसद से की जा रही है। इस मामले में वाड्रा के साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी आरोपी हैं। उन पर आरोप है कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने वाड्रा की कंपनी को मुनाफा पहुंचाया। गौरतलब है कि फरवरी 2008 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी थी। उसी साल, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई वाली हरियाणा सरकार ने इस जमीन पर 2.7 एकड़ के लिए व्यवसायिक कॉलोनी विकसित करने का लाइसेंस दिया। इसके बाद कॉलोनी बनाने की जगह स्काईलाइट कंपनी ने इस जमीन को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेच दिया, जिससे लगभग 50 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ।