Axiom 4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) ले जाने वाले एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन का प्रक्षेपण एक बार फिर टाल दिया गया है। यह मिशन पहले 10 जून 2025 को निर्धारित था, लेकिन मौसम की खराबी और तकनीकी खामियों के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। अब, स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन रिसाव की समस्या के चलते प्रक्षेपण को फिर से टाला गया है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
Axiom 4 Mission: फाल्कन-9 रॉकेट में तकनीकी खराबी
स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घोषणा की कि फाल्कन-9 रॉकेट में स्टैटिक फायर टेस्ट के बाद लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) रिसाव की समस्या पाई गई है। इस रिसाव को ठीक करने के लिए इंजीनियरों को और समय चाहिए, जिसके कारण मिशन को स्थगित कर दिया गया। स्पेसएक्स ने कहा, “हम रिसाव की मरम्मत के बाद नई प्रक्षेपण तारीख की घोषणा करेंगे, जो रेंज की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।” यह रिसाव पहले मिशन के दौरान भी देखा गया था, लेकिन रॉकेट की मरम्मत के दौरान इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया गया था।
मौसम ने भी डाला खलल
प्रक्षेपण से एक दिन पहले, 9 जून 2025 को, स्पेसएक्स, नासा और एक्सिओम स्पेस की टीमें फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में मौसम की स्थिति पर नजर रख रही थीं। खराब मौसम के कारण मिशन को 10 जून से 11 जून के लिए टाला गया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि मौसम की अनिश्चितता ने प्रक्षेपण की तैयारियों को प्रभावित किया। हालांकि, अब तकनीकी खराबी ने मिशन को और अनिश्चित कर दिया है।
Axiom 4 Mission: एक्सिओम-4 मिशन का महत्व
एक्सिओम-4 मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान में एक ऐतिहासिक कदम है। इस 14-दिवसीय मिशन में शुभांशु शुक्ला (पायलट), कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), और विशेषज्ञ टिगोर कपु (हंगरी) व स्लावोस उज़नान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड) शामिल हैं। यह मिशन भारत के लिए खास है, क्योंकि शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं जो ISS पर जाएंगे। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।