कानून की डिग्री, अब सांसदी का मुकाबला, sandhya rai

स्वतंत्र समय, भिंड

भाजपा का गढ़ माने जाने वाली भिंड सीट पर पूर्व सांसद संध्या राय (sandhya rai) को एक बार फिर मौका दिया गया है। 2019 में उन्होंने जीत हासिल की थी, पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। वह फिलहाल महिला और बाल विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति में भी शामिल हैं। ग्रामीण विकास और महिलाओं की साक्षरता में उनके विषय रुचि है। संध्या का जन्म चार जनवरी 1974 को हुआ। उनके पिता का नाम सभाराम तेनगुरिया और माता का नाम रामकटोरी बाई है।

2021 में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रहीं sandhya rai

1984 में उन्होंने सुमन रे से शादी की। उनके तीन बच्चे हैं। संध्या ने 2001 में जीवाजी विश्वविद्यालय से एमए किया। 2007 में बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। 2021 में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रही। 2017 में मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग के जिम्मेदारी संभाली। अपने सादे और सरल स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। साफ शब्दों में अपनी बात कहना और जमीन से जुड़े रहना ही उनकी असली ताकत है। पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है, लिहाजा अपनी मर्यादा का बखूबी ख्याल रखती हैं। सोशल मीडिया के दौर में भी तकनीक से मित्रता जरा कम ही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर की करीबी मानी जाती हैं। उनके टिकट के बाद एक दिलचस्प बात यह भी सामने आई है कि 53 साल में भाजपा ने सीट पर अजा वर्ग के किसी भी प्रतिनिधि को दोबारा टिकट नहीं दिया है। संध्या राय अजा वर्ग की पहली ऐसी नेता हैं जिसे दूसरी बार मौका दिया गया है।

आम लोगों की तरक्की ही मेरा मकसद है

संध्या ने कहा कि मैं लंबे समय से पार्टी में हूं। आम कार्यकर्ता की तरह पार्टी में शामिल हुई थी। मुझ जैसी कार्यकर्ता पर भरोसा जताया गया है। यह हर कार्यकर्ता के लिए संदेश है कि उसकी तरक्की सिर्फ और सिर्फ मेहनत पर निर्भर करती है । इस बार जब लोकसभा टिकट का ऐलान हुआ तो किसी पदाधिकारी का फोन नहीं आया, बल्कि आम कार्यकर्ताओं ने मुझे यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने फिर से भरोसा जताया है। उनके नेतृत्व में ही हम जैसे कार्यकर्ताओं को आगे बढऩे का मौका मिल रहा है। खुद को सौभाग्यशाली समझती हूं। आम लोगों की तरक्की ही मेरा मकसद है।