सूर्योदय बैंक फर्जीवाड़ा की खुल रहीं परतें

स्वतंत्र समय, कटनी

सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में मजदूरों, बेरोजगार युवकों के खाते खोलकर करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन मामले में पुलिस ने हैंडलर को दबोचने के लिए कई जिलों में दबिश दे रही है, लेकिन अभी भी हाथ खाली हैं। वहीं एफआइआर के दो दिन बाद पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि 17 युवकों के खाते में कितना ट्रांजेक्शन हुआ है, यूपीआई होल्डर कौन हैं ?
सुस्त पुलिसिया चाल से हैंडलर पुलिस गिरफ्त से बाहर है। ऑनलाइन सट्टे के कारोबार और हवाला करोबार में किन मास्टर माइंडों ने यह खेल किया है, उन तक भी पुलिस नहीं पहुंच पाई है। जांच टीम ने सूर्योदय बैंक की ब्रंाच मैनेजर अंकिता गुप्ता के बयान दर्ज किए हैं। किन कर्मचारियों के द्वारा इन युवकों के खाते और किसके कहने पर खोले गए हैं व किन फर्मों के नाम पर ट्रांजेक्शन हुआ है यह पता लगाया है। ब्रांच मैनेजर ने पुलिस को बताया है कि दुर्गेश यादव और विवेक पटेल युवकों को लेकर आते थे और खाते खुलवाते थे। यह ट्रांजेक्शन 20 करोड़ रुपए से भी अधिक बताया जा रहा है। पुलिस ने हैंडलर दुर्गेश यादव की गिरफ्तारी के लिए पन्ना, शाहनगर, उज्जैन, जबलपुर आदि में दबिश देकर गिरफ्तारी के प्रयास किए, लेकिन पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस यदि शिकायत के समय मामले को गंभीरता से लेते हुए ठगी का शिकार हुए युवकों की शिकायत पर तत्काल मामले को संज्ञान में ले लेती तो अबतक का मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त में होता।

ट्रांजेक्शन रिपोर्ट

पुलिस को बैंक से 150 पेजों की ट्रांजेक्शन रिपोर्ट मिली है, जिसपर पुलिस यह खंगाल रही है कि कितने का ट्रांजेक्शन हुआ है। पुलिस ने बताया कि आकाश पटेल के खाते में ओम ट्रेडर्स कंपनी के नाम से ज्यादा जमा व निकासी हुई है, हालांकि पुलिस दो दिन में पता नहीं कर पाई है कि वास्तव में कितना ट्रांजेक्शन हुआ है। पुलिस खातों के ट्रांजेक्शन को महत्वपूर्ण नहीं मान रही है। बैंक से सभी खाते फ्रीज कराकर अब जांच का राग अलाप रही है।

हैंडलर के पिता से पूछताछ

इस मामले में जांच टीम ने हैंडलर दुर्गेश यादव के पिता रोशन यादव से पूछताछ की है। पिता ने बताया कि वह इस काम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। वह बताया था कि एक कंपनी वाहन चला रहा है। सभी में यूपीआई से ही ट्रांजेक्शन हुआ है।

24 घंटे में बैंक ने नहीं दी जानकारी

जांच टीम के लीडर निरीक्षक मनोज गुप्ता ने बताया कि इस मामले में बैंक से यूपीआई होल्डरों के नाम पूछे गए हैं, लेकिन 24 घंटे बाद भी बैंक ने नाम नहीं बताए। इन खातों में दो से चार माह में कितना ट्रांजेक्शन हुए हैं, इसकी भी वास्तविक रिपोर्ट नहीं मिली है। डेविड और क्रेडिट की जानकारी अभी नहीं दी गई है।

खाताधारकों के लिए बयान

दूसरी ओर ठगी का शिकार हुए माधवनगर थाना क्षेत्र के ग्राम गैंतरा निवासी युवकों के पुलिस ने गांव पहुंचकर बयान दर्ज किए हैं। युवकों से पुलिस ने पूछा है कि किस आशय के लिए किसके कहने पर खाते खुलवाए थे।

नामचीन लोगों का हो सकता है कारनामा!

इस पूरे मामले को जांच टीम हवाला व ऑनलाइन क्रिकेट सहित अन्य सट्टे से जोडकऱ जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो यह सिर्फ सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक ही नहीं बल्कि अन्य बैंकों में भी बड़ा फर्जीवाड़ा होने की आशंका है। नामचीन व्यक्तियों द्वारा काले धन को सफेद करने व अवैध लाभ अर्जित करने के लिए इस खेल को अंजाम देने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। इस खेल में कोई नामी सटोरिया व सफदेपोश का काला कारनामा हो सकता है, इस तथ्य की भी पुलिस जांच कर रही है।

इस तथ्य पर नहीं पुलिस का फोकस

बैंक में एक ही गांव के एक साथ इतने लोगों के खाते खोलना, एक ही व्यक्ति द्वारा ग्राहकों को लाना, बैंक के कर्मचारी द्वारा खाते खोलना अपने आप में एक बड़ा सवाल है। बेरोजगार, मजदूरों व विद्यार्थियों के खाते किस आशय से बैंक से लेकर गांव तक जाकर खोलने में बैंक की उत्साहित कार्रवाई भी समझ के परे है। पुलिस अभी बैंक की भूमिका को बिल्कुल भी संदिग्ध नहीं मान रही।

इनका कहना है

आरोपी दुर्गेश यादव की गिरफ्तारी के लिए टीम ने शाहनगर-पन्ना सहित जबलपुर, उज्जैन में दबिश दी है। अभी आरोपी नहीं मिला है। बैंक मैनेजर के बयान दर्ज किए गए हैं। 150 पन्नों की ट्रांजेक्शन रिपोर्ट जब्त करते हुए उसकी जांच की जा रही है। बैंक से यूपीआई होल्डरों की भी जानकारी मांगी गई है।
– मनोज गुप्ता, टीआई, माधव नगर