Yashwant Club में बिना परमिशन 12 हजार फीट से ज्यादा जमीन पर गलत तरीके से निर्माण

स्वतंत्र समय, इंदौर

यशवंत क्लब ( Yashwant Club ) इंदौर में काले कारनामों से अब पर्दा उठने लगा हैं। कुलीनों की सरपरस्ती में कानून की धज्जियाँ उड़ा दी गई हैं और सरकार को जमकर चूना लगाया जा रहा है। मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने बताया कि यशवंत क्लब के लगभग 300 से ज़्यादा सदस्यों में विभिन्न माध्यमों से तथ्यात्मक जानकारी देकर यह बताया कि कैसे यशवंत क्लब का नाम मिट्टी में मिलाकर कुछ लोगों ने जमकर अवैध कामों को खुलेआम अंजाम दिया हैं। आश्चर्य इस बात का हैं की प्रदेश सरकार और प्रशासन की नाक के नीचे इतने बड़े अवैध कारनामों को अंजाम दिया जा रहा हैं लेकिन किसी ने एक आवाज भी नहीं उठाई। यशवंत क्लब की शासकीय भूमि पीएसपी लैंड यूज (सार्वजनिक एंव अर्ध सार्वजनिक भू उपयोग) के होने के बाद भी यशवंत क्लब ने जमकर कानून की धज्जियाँ उड़ा कर अवैध उपयोग कर अवैध निर्माण किया हैं।

Yashwant Club में अवैध भवन निर्माण षडयंत्र के प्रमुख बिंदु…

  1. यशवंत क्लब  ( Yashwant Club ) द्वारा स्वयं घोषित अधिपत्य की भूमि इंदौर नगर निगम रिकॉर्ड अनुसार 3 लाख 97 हज़ार 2 सौ 34 वर्ग फ़ीट (अंकों में-3,97,234.09 वर्ग फ़ीट ) हैं। मास्टर प्लान में दर्ज उक्त पीएसपी लैंड यूज की शासकीय लीज की भूमि का अवैध रूप से कमर्शियल उपयोग करके कमर्शियल टैक्स इंदौर नगर निगम में जमा किया गया हैं। यह शासकीय लीज शर्तों का खुला उल्लंघन हैं।
  2. यशवंत क्लब द्वारा स्वयं घोषित शासकीय लीज आवंटित भूमि निगम रिकॉर्ड अनुसार 3,97,234.09 वर्ग फ़ीट में पीएसपी लैंड यूज होने के कारण भवन निर्माण की अनुमति भूमि विकास अधिनियम एंव मास्टर प्लान अनुसार कुल भूमि में से 15फीसदी भूमि पर दी जाती हैं।
    उक्त 15 फीसदी भवन निर्माण की नियमानुसार अनुमति कुल 59,585.11 वर्ग फ़ीट निर्माण की दी जा सकती हैं।
    पीएसपी लैंड यूज की भूमि पर स्न्रक्र(फ्लोर एरिया रेशों) 1 (वन) होता हैं।
  3. यशवंत क्लब में नये भवन निर्माण करने का फज़ऱ्ी मास्टर प्लान बनाकर क्लब सदस्यों एंव जिला प्रशासन तथा नगर निगम को धोखा देने का षड्यंत्र आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा रहा हैं।

जबकि स्वत: ही साफ तौर ऑंकडो से स्पष्ट हैं की वर्तमान में निगम रिकॉर्ड अनुसार कुल 71,761 वर्ग फ़ीट निर्माण किया हुआ हैं।जिसका कमर्शियल टैक्स निगम में यशवंत क्लब जमा कर रहा हैं।जबकि भूमि विकास अधिनियम एंव मास्टर प्लान में निर्धारित नियमानुसार सिर्फ 59,585.11 वर्ग फ़ीट भवन निर्माण की अनुमति यशवंत क्लब को हैं। इसका मतलब की आज भी यशवंत क्लब में 12,175.89 वर्ग फ़ीट अवैध भवन निर्माण बिना अनुमति किया गया हैं। ऐसे में भूमि विकास अधिनियम एंव मास्टर प्लान अनुसार नये भवन निर्माण की अनुमति देने का प्रश्न ही नहीं उठता हैं। इसका मतलब हैं की क्लब के सदस्यों के साथ धोखाधड़ी करके हथेली पर हाथी दिखाने की कोशिश की जा रही हैं।

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव के अनुसार दस्तावेज़ों से यह सिद्ध होता हैं की यशवंत क्लब को प्रतिमाह 6/- रूपये शासकीय लीज पर आवंटित भूमि का लैंड यूज पीएसपी होने के बाद भी अवैध तरीके से आवंटित भूमि का कमर्शियल उपयोग करके इंदौर नगर निगम में कमर्शियल संपत्ति कर जमा किया हैं।
यह लीज शर्तों का खुला उल्लंघन हैं।नियमों के विपरीत स्वीकृति से ज़्यादा अवैध निर्माण पूर्व से ही कर रखा हैं।ऐसी परिस्थितियों में क्लब के सदस्यों से आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए फज़ऱ्ी मास्टर प्लान बनाकर धोखाधड़ी करने की तैयारी हैं।उपरोक्त तथ्यात्मक जानकारी के आधार पर पुन: मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सख्त कार्यवाही की मॉंग करते हुए तत्काल यशवंत क्लब का रजिस्ट्रेशन फर्म एंड सोसाइटी से निरस्त करते हुए अधिग्रहण करके संचालक मंडल(बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) बनाकर करना चाहिए।यशवंत क्लब में अवैध निर्माण एंव लीज शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफ़आइआर दर्ज करके सख्त कार्यवाही की जाना चाहिए।