बंगलौर , स्टार्टअप की दुनिया में सफलता और असफलता दो पहलू हैं। कुछ लोग अपने आइडिया और मेहनत से करोड़ों का कारोबार खड़ा कर लेते हैं, तो कुछ शुरुआती गलतियों के कारण अपने सपनों को चकनाचूर होते देखते हैं। बेंगलुरु के शक्ति मणि त्रिपाठी, जो पहले अमेज़न में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे, ने एक करोड़ रुपये की नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू किया, लेकिन कुछ गलत फैसलों और बिना सही योजना के चलते उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा।
यह कहानी केवल एक व्यक्ति की असफलता नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सीख है उन सभी युवाओं के लिए जो स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखने का सपना देखते हैं। इस लेख में हम त्रिपाठी की गलतियों का विश्लेषण करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि उन्होंने कहाँ चूक की, जिससे उनका स्टार्टअप बंद हो गया।
अमेज़न की नौकरी छोड़कर स्टार्टअप की राह
शक्ति मणि त्रिपाठी ने अमेज़न पे लेटर एप्लिकेशन के निर्माण में योगदान दिया था और उनकी सालाना कमाई 1 करोड़ रुपये से अधिक थी। यह किसी भी युवा टेक्नोलॉजी पेशेवर के लिए एक आकर्षक और स्थिर करियर था, लेकिन स्टार्टअप की चाहत में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी।
उन्होंने 2024 में ‘हुबाहु एआई’ नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसमें वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित समाधान देना चाहते थे। स्टार्टअप का मुख्य उद्देश्य व्यवसायों को ऑटोमेटेड सेवाएं प्रदान करना था। लेकिन वाई कॉम्बिनेटर (दुनिया के सबसे प्रसिद्ध स्टार्टअप इनक्यूबेटर्स में से एक) ने उनके स्टार्टअप को फंडिंग देने से इनकार कर दिया। इसके बाद, उन्होंने 30 से अधिक वेंचर कैपिटलिस्ट (VC) कंपनियों के सामने अपनी कंपनी पेश की, लेकिन किसी ने निवेश करने में रुचि नहीं दिखाई। नतीजा यह हुआ कि जब उन्हें कोई निवेश नहीं मिला और कंपनी घाटे में जाने लगी, तो उन्हें अपना स्टार्टअप बंद करना पड़ा।
असफलता के मुख्य कारण और त्रुटियां
1. बिना बैकअप प्लान के नौकरी छोड़ना
अमेज़न जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में काम करते हुए किसी स्टार्टअप को शुरू करने से पहले, एक मजबूत बैकअप प्लान होना बहुत जरूरी है।
🔴 गलती: उन्होंने बिना किसी वैकल्पिक वित्तीय योजना के नौकरी छोड़ दी।
✅ सही तरीका: पहले खुद के पास कम से कम 1-2 साल का फंड होना चाहिए, ताकि शुरुआती कठिनाइयों का सामना किया जा सके।
2. सही मार्केट रिसर्च की कमी
किसी भी स्टार्टअप की सफलता इस पर निर्भर करती है कि वह किस समस्या को हल कर रहा है और उसका बाजार में कितना स्कोप है।
🔴 गलती: उन्होंने बिना उचित मार्केट रिसर्च के स्टार्टअप शुरू किया और बाद में पता चला कि उनकी सेवाओं की उतनी मांग नहीं थी।
✅ सही तरीका: किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले बाजार की स्थिति, संभावित ग्राहक, प्रतिस्पर्धा और निवेशकों की रुचि को ध्यान से समझना चाहिए।
3. फंडिंग पर पूरी तरह निर्भर रहना
शुरुआती स्टार्टअप्स के लिए बाहरी निवेश (VC या एंजेल इन्वेस्टर्स) एक मददगार माध्यम हो सकता है, लेकिन इस पर पूरी तरह निर्भर होना सही रणनीति नहीं है।
🔴 गलती: स्टार्टअप को खड़ा करने के लिए उन्होंने पूरी तरह से बाहरी निवेश पर निर्भरता रखी, जो उन्हें नहीं मिला।
✅ सही तरीका: पहले बूटस्ट्रैपिंग (अपने बचत से स्टार्टअप को चलाना) करें और जब बिजनेस मॉडल साबित हो जाए, तब निवेशकों से संपर्क करें।
4. प्रोडक्ट-मार्केट फिट की समस्या
शक्ति मणि और उनके सह-संस्थापक कुणाल रंजन ने दूसरा स्टार्टअप शुरू किया, जो इंजीनियरिंग उत्पादकता मेट्रिक्स की निगरानी करने वाला सॉफ्टवेयर था। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि सॉफ़्टवेयर इंजीनियर की उत्पादकता को मापना बहुत कठिन है।
🔴 गलती: उन्होंने एक ऐसा प्रोडक्ट चुना जिसकी मार्केट में ज्यादा मांग नहीं थी।
✅ सही तरीका: पहले छोटे स्तर पर टेस्टिंग करें, ग्राहक फीडबैक लें और फिर स्टार्टअप का विस्तार करें।
5. अनुभवी मार्गदर्शन की कमी
नए स्टार्टअप संस्थापकों के लिए एक मेंटर या अनुभवी गाइड का होना बहुत जरूरी है, जो सही दिशा दे सके।
🔴 गलती: उनके पास कोई मेंटर या अनुभवी सलाहकार नहीं था, जिससे वे सही निर्णय नहीं ले पाए।
✅ सही तरीका: किसी अनुभवी स्टार्टअप संस्थापक या इंडस्ट्री विशेषज्ञ से सलाह लें।
सीख: स्टार्टअप शुरू करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
फाइनेंशियल प्लानिंग करें:
नौकरी छोड़ने से पहले कम से कम 1-2 साल की सेविंग रखें।
वैकल्पिक आय का स्रोत रखें।
मार्केट रिसर्च जरूरी है:
जानें कि आपका प्रोडक्ट किन ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगा।
पहले पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करें और देखें कि क्या ग्राहक इसे पसंद कर रहे हैं।
बूटस्ट्रैपिंग और सेल्फ-फंडिंग से शुरू करें:
शुरुआती फंडिंग के लिए पूरी तरह से निवेशकों पर निर्भर न रहें।
जब तक प्रोडक्ट सफल न हो जाए, खुद की सेविंग या कम लागत वाले मॉडल से स्टार्टअप चलाएं।
मेंटरशिप लें:
किसी अनुभवी उद्यमी, निवेशक या स्टार्टअप मेंटर से सलाह लें।
रियलिस्टिक लक्ष्य तय करें:
शुरुआती असफलताओं से न घबराएँ और लगातार सीखते रहें।
अगर कोई एक आइडिया काम नहीं करता, तो अगली रणनीति पहले से तैयार रखें।
निष्कर्ष: क्या यह असफलता अंत है?
शक्ति मणि त्रिपाठी की असफलता उनकी अंतिम हार नहीं है। स्टार्टअप की दुनिया में असफलता ही सबसे बड़ी सीख होती है।
जैक मा (अलीबाबा के संस्थापक) को 10 बार से ज्यादा बार नौकरी से निकाला गया था।
एलोन मस्क की स्पेसएक्स की पहली 3 लॉन्चिंग फेल हो गई थीं।
अमेज़न के जेफ बेजोस की कई कंपनियाँ असफल रहीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
शक्ति मणि त्रिपाठी और उनके सह-संस्थापक यदि इन गलतियों से सीखकर एक मजबूत रणनीति बनाएँ, तो वे भविष्य में एक सफल स्टार्टअप खड़ा कर सकते हैं।
क्या आपने भी ऐसा कोई निर्णय लिया है?
अगर आप भी स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो पहले सही रिसर्च करें, अपनी सेविंग सुनिश्चित करें, और छोटे स्तर से शुरुआत करें। क्या आप इस कहानी से सहमत हैं? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में बताएं!
(नीरज राठौर, दैनिक स्वतंत्र समय)