इंदौर के सोयाबीन अनुसंधान केंद्र के खेत में शिवराज सिंह चौहान ने ट्रैक्टर चलाया. जहां उन्होंने कहा कि मैं कृषि मंत्री नहीं किसान हूं. मेरे हर रोम में किसान और हर सांस में खेती है. आज पूरी एग्रीकल्चर टीम इंदौर में है. देश के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र के लोग, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज के लोग राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी साथ है. हमने अभी विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया था ताकि लैब में होने वाले प्रयोग किसानों के बीच पहुंच सके. हम वैज्ञानिक अधिकारियों और कर्मचारियों को गांव में लेकर गए. आज हम सोयाबीन की फसल पर चर्चा करने वाले हैं. सोयाबीन की उत्पादकता बढ़ नहीं रही है, जिसे लेकर चर्चा करेंगे. अच्छी किस्म का सोयाबीन पैदा कर पाए ताकि देश को तेल आयात ना करना पड़े.
ट्रेक्टर चलाने में एक्सपर्ट है शिवराज
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और प्रदेश में भांजियों के मामा के नाम से प्रसिद्ध शिवराज सिह चौहान का इंदौर शहर से आत्मिक लगाव है। वह केन्द्रिय मंत्री बनने के बाद भी इंदौर में आते रहते है। इसी बीच इस बार केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के सोयाबीन अनुसंधान केंद्र के खेत में ट्रैक्टर चलाया. उनके ट्रेक्टर चलाने के अंदाज से इस बात का तो अनुमान लगाया जा सकता है कि आज भी ट्रेक्टर चलान के एक्सपर्ट है। यह दर्शाता है कि वह आज भी जमीन से जुड़ है। जबकि वह विगत 15 वर्षो से अधिक वीआईपी प्रोटोकाल में चल रहे है उनके आगे-पीछे लाव-लश्कर है लेकिन वह जमीन से जुड़े किसान बन कर यह संदेश दे रहै है कि कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी बड़ा आदमी क्यों न बन जाएं उसे जमीन से जुड़े रहना चाहिए। यदि वह खेती-किसानी से जुड़ा है तो उसे खेती किसानी बंद नहीं करना चाहिए बल्कि उसे आधुनिक तरीके से कर के देश की उन्नति में अपना योगदान देना चाहिए।
सोशल मीडिया पर छाए शिवराज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का ट्रैक्टर चलाता वीडियो जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ, तो लोगों ने उसकी जमकर तारीफ की. ट्रैक्टर चलाते कृषि मंत्री को देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई. शिवराज सिंह भी ड्राइविंग का जमकर आनंद उठाया. वीडियो में मंत्री जी काफी खुश भी दिख रहे हैं. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान कहा, “आज कृषि (मंत्रालय) की पूरी टीम इंदौर में है, जिसमें देश के शीर्ष वैज्ञानिक, किसान, कृषि मंत्री, कृषि विज्ञान केंद्रों के लोग और केंद्र सरकार के अधिकारी शामिल हैं. हमने हाल ही में विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू किया है, क्योंकि प्रयोगशालाओं में किए गए प्रयोग किसानों तक पहुंचने चाहिए. हम वैज्ञानिकों, अधिकारियों और किसानों को गांवों में ले गए और आज हम सोयाबीन की फसल के बारे में चर्चा करने के लिए यहां हैं… वैज्ञानिक, किसान, कृषि मंत्री, कृषि विज्ञान केंद्रों के लोग और केंद्र सरकार के अधिकारी सभी इस बात पर विचार-विमर्श, मंथन और चिंतन करेंगे कि सोयाबीन की उत्पादकता कैसे बढ़ाई जाए,