एलजी मनोज सिन्हा : नए युग की दहलीज़ पर जम्मू-कश्मीर, विकास और स्थिरता बनी प्राथमिकता

मनोज सिन्हा : मनोज सिन्हा ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में विकास भी हो रहा है और काम का पूरा हिसाब भी रखा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अब राज्य का पूरी तरह से एकीकरण और खेती से जुड़े विकास का सपना पूरा हो रहा है। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को देश का अभिन्न हिस्सा बनाया। 6 जून 2025 को जब रेल नेटवर्क के जरिए कश्मीर कन्याकुमारी से जुड़ा, तब यह विकास की नई शुरुआत बन गई। पीएम मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर तिरंगा फहराकर इतिहास रचा। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में एलजी मनोज सिन्हा ने यह बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कश्मीर में बदलाव नामक किताब और उससे जुड़ी चित्र प्रदर्शनी को देखा, जिसमें कश्मीर के बदलाव को तस्वीरों के जरिए दिखाया गया है।

लोगों को अब उनका पहचान से जुड़ा शहर वापस मिल गया है

एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि पहले घाटी के लोगों को अपना शहर अजनबी लगता था, लेकिन पिछले 58 महीनों में उन्हें उनका शहर वापस मिला है। अब कश्मीर में खेती से जुड़ी 29 योजनाएं चल रही हैं। झीलें और नदियां साफ हो रही हैं। बाजार और घाट सुंदर बन चुके हैं। ई-गवर्नेंस से 1137 सेवाएं ऑनलाइन हो गई हैं। अब फाइलें जम्मू से लानी नहीं पड़तीं। दो एम्स, दो आईआईटी और दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों से शिक्षा में भी प्रगति हो रही है।

शांति भंग करने की साजिश थी पहलगाम की वारदात

एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि पहलगाम में हमला घाटी का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए करवाया गया था। अब कश्मीर में न ही अलगाववाद है और न ही पत्थरबाजी होती है। यह पहली बार है कि ऐसी हिंसक घटना के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के लोग खुद ही सड़कों पर आए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य की नीति साफ है – शांति खरीदी नहीं जाती, उसे कायम किया जाता है। हम अपने सुरक्षाबलों से कहते हैं कि बेगुनाह को न छेड़ें और दोषी को बिल्कुल न छोड़ें।