भारतीय राजनीति के वरिष्ठ नेता, देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित लालकृष्ण आडवाणी का शनिवार, 8 नवंबर को 98वां जन्मदिन मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उनके आवास पर पहुंचे और उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी। पीएम मोदी ने उनके स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए उनका हालचाल भी जाना।
पीएम मोदी ने आडवाणी के योगदान को बताया अविस्मरणीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा – “लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। दूरदर्शी सोच और अटूट निष्ठा के प्रतीक, उनका जीवन राष्ट्र की प्रगति और लोकतंत्र की मजबूती को समर्पित रहा है। उन्होंने निस्वार्थ भाव से जनसेवा की है और अपने सिद्धांतों पर हमेशा अडिग रहे हैं।” पीएम मोदी ने कहा कि आडवाणी जी के विचार और नेतृत्व ने भारत के लोकतांत्रिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर गहरी छाप छोड़ी है।
2024 में मिला भारत रत्न सम्मान
लालकृष्ण आडवाणी को वर्ष 2024 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं उनके निवास पर जाकर यह सम्मान प्रदान किया था। इससे पहले वर्ष 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था।
कराची में जन्म, विभाजन के बाद आए भारत
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता किशनचंद आडवाणी और माता ज्ञानी देवी थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट पैट्रिक हाई स्कूल, कराची से प्राप्त की। विभाजन के बाद, वर्ष 1947 में वे भारत आ गए और बाद में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की।
आरएसएस से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
आडवाणी का राजनीतिक जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से शुरू हुआ। 1947 में वे संघ के सचिव बने और संगठनात्मक कार्यों में गहराई से जुड़ गए। 1970 में पहली बार राज्यसभा के सांसद बने और 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना हुई, तो वे इसके प्रमुख संस्थापकों में से एक रहे।
उप प्रधानमंत्री रहते निभाई अहम भूमिका
लालकृष्ण आडवाणी ने 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह मंत्री के रूप में कार्य किया और 2002 से 2004 तक देश के उप प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में उन्होंने अहम योगदान दिया।
लालकृष्ण आडवाणी न केवल भाजपा के बल्कि भारतीय राजनीति के सबसे सम्मानित नेताओं में गिने जाते हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा ने राष्ट्रीय पहचान बनाई और जनाधार को व्यापक रूप से बढ़ाया। उनका जीवन राजनीतिक ईमानदारी, विचारधारा के प्रति निष्ठा और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है।