लोकसभा चुनाव 2024: चेहरा मोदी का लहर रामजी की, निशाना गठबंधन पर

विपिन नीमा, इंदौर

प्राण प्रतिष्ठा और गणतंत्र दिवस समारोह के बाद अब देश में तीसरा बड़ा आयोजन लोकसभा चुनाव के रूप में होने जा रहा है। चुनावी गतिविधियां तेज होने लगी हे , सभी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गई है और नेताओं के बीच आपसी बयानबाजी भी शुरू चुकी हैं। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जिस तरह से मोदी लहर चली थी,उससे कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इस बार भी भाजपा हर तरह से मजबूत नजर आ रही है। भाजपा का बेड़ा पार करने के लिए रामजी का मुद्दा सबसे सशक्त रहेगा। वहीं दूसरी और हाल ही संपन्न हुए मप्र विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय का सामना करने वाली कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। जहां तक इंदौर की संसदीय सीट का सवाल है तो कांग्रेस विगत 35 सालों से सीट पर कब्जा करने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है, लेकिन हर बार उसे भाजपा के सामने पराजय का मुंह देखना पड़ा है। चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने पीसी सेठी तथा महेश जोशी जैसे दिग्गजो को मैदान में उतारा, लेकिन उसके सारे दांव फेल रहे। अब देखना यह है की राम लहर के बीच कांग्रेस किस दिग्गज नेता को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतरती है। हालांकि अभी भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है।

85 का चुनाव जीतकर पीसी सेठी इंदौर के सांसद बने थे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश चंद्र सेठी ने 84 – 85 में हुए लोकसभा चुनाव जीतकर इंदौर के सांसद बने। इसके बाद 89 – 90 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद पीसी सेठी फिर मैदान में उतरे। इस बार उनका मुकाबला पहली बार सांसद का चुनाव लडने मैदान में उतरी भाजपा की सुमित्रा महाजन से हुआ। सुमित्रा महाजन ने यह चुनाव जीतकर अपनी जीत का सिलसिला शुरू किया। इसके बाद तो सुमित्रा महाजन ने पीछे पलटकर ही नहीं देखा और हर चुनाव में कांग्रेस के एक के बाद एक दिग्गज नेताओं को हराती रही। 35 साल गुजर गए , सुमित्रा महाजन आगे बढ़ती गई और कांग्रेस पीछे होती चली गई।

सुमित्रा के बाद शंकर ने जीत के सिलसिले को रखा जारी

पिछले चुनाव में भाजपा हाईकमान ने एक बड़ा परिवर्तन करते हुए इंदौर संसदीय सीट पर एक छत्र राज करने वाली और लगातार 8 चुनावों की विजेता सुमित्रा महाजन का टिकिट काटकर शंकर लालवानी को मैदान में उतार दिया। पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे शंकर लालवानी के सामने कांग्रेस के दिग्गज नेता पंकज संघवी मैदान में उतरे। इस चुनाव का परिणाम जब सामने आया तो लालवानी की ऐतिहासिक जीत से पूरा इंदौर चौंक गया। लालवानी की यह जीत सिर्फ मोदी लहर की थी। इस जीत के साथ लालवानी ने भाजपा की जीत का क्रम जारी रखा। वे पहली बार सांसद बने और कांग्रेस की यह नौवीं हार थी।

2019 के चुनाव में क्या स्थिति थी भाजपा और कांग्रेस की, एक नजर
शंकर लालवानी v/s पंकज संघवी

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक – 1

  • कुल मतदाता – 350146
  • कुल मतदान – 233913
  • मतदान प्रतिशत – 67त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 166321
  • कांग्रेस को मिले वोट – 63638
  • जीत का अंतर – 102683

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक – 2

  • कुल मतदाता – 345077
  • कुल मतदान – 216849
  • मतदान प्रतिशत – 63त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 157910
  • कांग्रेस को मिले वोट – 54889
  • जीत का अंतर – 103021

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक – 3

  • कुल मतदाता – 194784
  • कुल मतदान – 130534
  • मतदान प्रतिशत – 67त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 76985
  • कांग्रेस को मिले वोट – 51583
  • जीत का अंतर – 25402

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक – 4

  • कुल मतदाता – 257151
  • कुल मतदान – 178367
  • मतदान प्रतिशत – 69त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 127037
  • कांग्रेस को मिले वोट – 48895
  • जीत का अंतर – 78142

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक – 5

  • कुल मतदाता – 392769
  • कुल मतदान – 259164
  • मतदान प्रतिशत – 66त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 144635
  • कांग्रेस को मिले वोट – 110107
  • जीत का अंतर – 34528

विधानसभा क्षेत्र – राऊ

  • कुल मतदाता – 312017
  • कुल मतदान – 218778
  • मतदान प्रतिशत – 70 त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 146722
  • कांग्रेस को मिले वोट – 66791
  • जीत का अंतर – 79931

विधानसभा क्षेत्र – देपालपुर

  • कुल मतदाता – 237525
  • कुल मतदान – 181620
  • मतदान प्रतिशत – 76त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 115548
  • कांग्रेस को मिले वोट – 60345
  • जीत का अंतर – 55203

विधानसभा क्षेत्र – सांवेर

  • कुल मतदाता – 260007
  • कुल मतदान – 202490
  • मतदान प्रतिशत – 78त्न
  • भाजपा को मिले वोट – 131666
  • कांग्रेस को मिले वोट – 64020
  • जीत का अंतर – 67646

1989 से 2019 के बीच कांग्रेस के ये दिग्गज नेता हारे हैं

विगत 9 लोकसभा चुनाव में सुमित्रा महाजन ने 8 और शंकर लालवानी ने 1 चुनाव जीता
एक नजर –

  • 1989 – पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचंद सेठी
  • 1991- ललित जैन
  • 1996 – पूर्व महापौर मधुकर वर्मा
  • 1998 – पंकज संघवी
  • 1999 – पूर्व मंत्री महेश जोशी
  • 2004 – पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल
  • 2009 – सत्यनारायण पटेल
  • 2014 – सत्यनारायण पटेल

(उक्त सभी को सुमित्रा महाजन ने हराया)

2019 – शंकर लालवानी ने पंकज संघवी को हराया।