स्वतंत्र समय, भोपाल
लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर इस बार मुकाबला बेहद रोचक होने जा रहा है। यहां वन एवं पर्यावरण मंत्री नागर सिंह चौहान ( Nagar Singh Chauhan ) की पत्नी अनीता चौहान को भाजपा ने टिकट दिया है। पत्नी को लोकसभा सीट जिताने के लिए मंत्री नागर ने अपनी पूरी ताकत चुनाव में झोंक दी है। वैसे यह सीट कांग्रेस की परंपरागत रही है। पिछली बार भाजपा ने ये सीट कांग्रेस से छीन ली थी। इस बार भी यदि कांग्रेस जीती तो तीन-तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है।
Lok Sabha Elections में तीन मंत्रियों ने झोंकी ताकत
यह सीट रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों को मिलाकर बनी है। प्रदेश सरकार में तीनों ही जिलों से एक-एक मंत्री हैं। इन्हें लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) जिताने की जिम्मेदारी दी गई है। इन तीन मंत्रियों में रतलाम से चैतन्य काश्यप, झाबुआ से निर्मला भूरिया और अलीराजपुर से नागर सिंह चौहान है। जाहिर है कि ऐसे में इस सीट पर तीनों मंत्रियों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। तीनों मंत्री इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। सभी अपने गृह जिले में मतदाताओं के बीच पहुंचकर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांग रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएचई से रिटायर्ड प्रमुख अभियंता जीएस डामोर को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था और डामोर ने कांतिलाल भूरिया को पटकनी दी थी। कांग्रेस ने फिर भूरिया को प्रत्याशी बनाया है। इस बार भूरिया चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत से जुट गए हैं।
चुनौती पूर्ण रही रतलाम सीट
जनसंघ और भाजपा के लिए यह सीट हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है। दिलीप सिंह भूरिया सबसे ज्यादा सात बार कांग्रेस के सांसद रहे। फिर वर्ष 2014 में दिलीप सिंह भूरिया भाजपा में शामिल हुए और चुनाव जीते, लेकिन उनके निधन के कारण उपचुनाव हुआ और कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत दर्ज कराई। 2019 में भाजपा के गुमान सिंह डामोर इस सीट से जीते। इस सीट पर अभी तक तीन बार महिला उम्मीदवार को राजनीतिक दलों ने टिकट दिया है। कांग्रेस ने 1962 में पहली बार महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। तब जमुनादेवी चुनाव जीती थी। तब यह सीट चर्चा में आई थी।