लोकसभा में आज महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) का स्थान लेने वाले ‘जी राम जी’ (G Ram G) विधेयक को लेकर भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों के तीखे विरोध और नारेबाजी के बीच सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

विधेयक पारित होने के दौरान सदन का माहौल काफी तनावपूर्ण रहा। विपक्षी सांसद अपनी सीटों से उठकर वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध इतना बढ़ गया कि कुछ सदस्यों ने गुस्से में बिल की कॉपियां तक फाड़ दीं। विपक्ष की मांग थी कि इस विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।
स्पीकर की नसीहत: देश देख रहा है
सदन में विपक्ष के आक्रामक रवैये पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी जताई। जब सांसद वेल में आकर कागज फाड़ने लगे, तो स्पीकर ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा, ‘जनता ने आपको यहां कागज फाड़ने के लिए नहीं भेजा है। पूरा देश आपको देख रहा है।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कानून पर सदन में विस्तार से चर्चा हो चुकी है, इसलिए अब इसे पारित करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला
विधेयक के विरोध में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कड़ा रुख अपनाया। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में इसे ‘गरीब विरोधी’ करार दिया।
“जो भी इस बिल को पढ़ेगा, उसे समझ आ जाएगा कि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कैसे खत्म होने वाली है। यह बिल राज्यों पर फंडिंग का बोझ डालता है और राज्य सरकारों के पास पैसे नहीं हैं। यह योजना (मनरेगा) सबसे गरीब लोगों के लिए सहारा है।” — प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस सांसद
विपक्ष का तर्क है कि कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है। डीएमके के टीआर बालू और समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने भी बिल का पुरजोर विरोध किया।
सरकार का पलटवार: नाम बदलने का शौक विपक्ष को
बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार का एक बड़ा जरिया बन गया था, जिसे सुधारने के लिए नया कानून लाया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) से चर्चा के बाद तैयार किया गया है।
नाम बदलने के आरोपों पर चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा योजनाओं का नाम सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर रखा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नाम बदलने का ‘शौक’ सरकार को नहीं, बल्कि विपक्ष को है। एनडीए सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ काम और पारदर्शिता पर है।
कागज फाड़ने पर मंत्रियों की प्रतिक्रिया
सदन के भीतर कागज फाड़ने और फेंकने की घटना की केंद्रीय मंत्रियों ने कड़ी निंदा की है। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने इसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया।
“माननीय स्पीकर और सरकार ने इस बिल पर देर रात तक चर्चा की। जिस तरह से उन्होंने कागज फाड़े, वह बहुत निंदनीय है। यह बिल लोगों के हित में है।” — एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय मंत्री