Lokayukta Raid In MP: भोपाल के ‘धनकुबेर’ पर लोकायुक्त ने कसा शिकंजा, 8000 करोड़ की संपत्ति बरामद, सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर को जारी किया समन

Lokayukta Raid In MP: मध्य प्रदेश के भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त की छापेमारी में बड़ी मात्रा में अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। लोकायुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद के अनुसार, इस कार्रवाई में 2.85 करोड़ रुपये नकद, 52 किलोग्राम सोना, और अन्य कीमती सामान बरामद हुए हैं। 

सौरभ शर्मा के साथ उनके करीबी सहयोगी चेतन गौड़ और शरद जायसवाल को भी आरोपी बनाया गया है। लोकायुक्त ने सौरभ की पत्नी और मां को पूछताछ के लिए समन जारी किया है, जबकि सौरभ की तलाश जारी है। इस मामले में हवाला एंगल से भी जांच की जा रही है, और आयकर विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। सौरभ शर्मा को 2016 में अनुकंपा नियुक्ति के तहत परिवहन विभाग में कांस्टेबल पद मिला था, और हाल ही में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। 

भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर कार्रवाई का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है। ईडी ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, डीआरआई सोने की बरामदगी के मामले की पड़ताल करने की तैयारी कर रही है।

आयकर विभाग का लुकआउट नोटिस

सौरभ शर्मा के दुबई में होने की सूचना के आधार पर आयकर विभाग ने उसे भारत लाने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग का मानना है कि सौरभ से पूछताछ में काली कमाई और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

डायरी से जुड़े राज

सौरभ की कार से बरामद डायरी में परिवहन विभाग के कई अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आए हैं। आयकर विभाग की टीम इन नामों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और संबंधित व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाने की योजना बना रही है। चेतन गौर ने भी कुछ प्रमुख नाम बताए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

अन्य एजेंसियों का शिकंजा

ईडी और डीआरआई के साथ-साथ अन्य केंद्रीय एजेंसियां भी इस प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं। हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से गहन जांच की जा रही है। मामले में कई बड़े राज खुलने की संभावना है, जिससे इस घोटाले का असली दायरा सामने आ सकता है। इस बहुस्तरीय जांच से सौरभ शर्मा के साथ जुड़े नेटवर्क और काले धन की व्यापकता का खुलासा होने की उम्मीद है।