Parashuram चल समारोह निकला, युवाओं ने दिखाया जोश

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

ग्वालियर में भगवान परशुराम ( Parashuram ) का चल समारोह निकला गया। मुरार, हजीरा, लश्कर से अलग-अलग चल समारोह निकले और फूलबाग मैदान रानी लक्ष्मीबाई मैदान पर पहुंचे हैं। यहां चल समारोह का समान हुआ है। सडक़ पर युवाओं का जोश देखते ही बन रहा था। जय-जय परशुराम के नारे लगाकर आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान फूलबाग मैदान पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया है। चल समारोह से पहले कुछ युवा ट्रैक्टर लेकर फूलबाग मैदान पर स्टंट कर उसे दौड़ा रहे थे। इसी दौरान एक ट्रैक्टर पलट गया। किस्मत से चालक बच गया है। जब चल समारोह पहुंचा तो वहां माहौल पूरा सामान्य हो चुका था। रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा के सामने मैदान पर पूजन के बाद चल समारोह का समापन हुआ है।

भगवान Parashuram का चल समारोह राजमाता के निधन से टला था

भगवान परशुराम ( Parashuram ) की जयंती 10 मई को थी। 15 मई को यह चल समारोह पूरे शहर में एक साथ निकलना था, लेकिन 15 मई को ही राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो जाने के कारण यह परशुराम चल समारोह स्थगित कर दिया गया था, जो आज निकाला गया है। मुरार घासमंडी में परशुराम मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना कर चल समारोह का शुभारंभ हुआ है। इस तरह हजीरा में मंदिर में पूजन के बाद वहां से एक परशुराम चल समारोह निकला है। तीसरा चल समारोह अचलेश्वर मंदिर से निकला जो ऊंटपुल, राम मंदिर, फालका बाजार होते हुए रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा स्थल के सामने मैदान में पहुंचकर समाप्त हुआ। चल समारोहों में युवाओं का जोश देखते ही बन रहा था। भगवा झंडा हाथ में लिए जय-जय परशुराम के जयकारे लगाए जा रहे थे। जिन रूट पर चल समारोह निकाले जा रहे थे वहां पुलिस काफी मुश्तैद और चौकस नजर आई है।
भगवान परशुराम का जल अभिषेक करते मंदिर के पुजारी
ग्वालियर में पालकी चल समारोह प्रारंभ होने से पहले में पालकी में विराजमान भगवान परशुराम जी की प्रतिमा का अच्छे से अचलेश्वर महादेव मंदिर में पूरे विधि विधान से पूजा अर्चन की गई। उसके बाद पालकी समारोह इंदरगंज चौराहा, हाई कोर्ट, ऊट पुल,राम मंदिर होते हुए रानी अच्छी समाधि स्थल के सामने मैदान में पहुंचकर समापन हुआ। इस दौरान शहर वासियों ने परशुराम चल समारोह का जगह-जगह पर स्वागत भी किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठवें अवतार माने जाते हैं। उनका धरती पर जन्म मानव कल्याण के लिए हुआ था। हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीय को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। पालकी चल समारोह में युवाओं ने पूरे जोश के साथ बढ़ चढक़र हिस्सा लिया है।
बड़ा हादसा होते-होते टला
बता दें कि भगवान परशुराम चल समारोह शुरू होने से पहले कुछ युवा अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर चल समारोह में शामिल होने के लिए फूलबाग मैदान पहुंचे थे। जहां तेज स्पीड में युवक ट्रैक्टर मैदान में दौड़ा कर स्टंट कर रहे थे। इसी दौरान युवकों का एक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया। किस्मत से ट्रैक्टर की चपेट में आने से चालक बच गया है। ट्रैक्टर पलटने के बाद वहां मौजूद युवकों ने तुरंत ही पलटे हुए ट्रैक्टर को हाथों से उठकर फिर से खड़ा कर दिया। यह मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने ट्रैक्टर चालक युवकों को समझाइए देकर छोड़ दिया।
युवा शक्ति ही समाज में बदलाव कर सकती है
परशुराम चल समारोह समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा का कहना है भगवान परशुराम चल समारोह अलग-अलग क्षेत्र में मंदिरों से शुरू हुए थे। लश्कर का चल समारोह अचलेश्वर मंदिर से प्रारंभ हुआ था जो इंदरगंज, राम मंदिर होते हुए फूलबाग पहुंचा है, जहां इसका समापन किया गया है। इस वर्ष पहली बार कोटेश्वर,मुरार ,मुरार ग्रामीण के चल समारोह भी परशुराम चल समारोह में शामिल हुए हैं। इन सभी चल समारोह का समापन एक ही जगह हो रहा है, और सभी ब्राह्मण जन एक ही जगह इक_े हुए हैं। शहर के सभी संत जहां मौजूद है, संतो द्वारा भगवान परशुराम की पूजा अर्चना कर आरती की गई और प्रसादि वितरण किया गया है।