Love Jihad : बॉयफ्रेंड ने अपनी एक्स ग्रिलफ्रेंड और उसके परिवार पर इस्लाम काबुल करवाने का आरोप लगया।
Love Jihad मुंबई – बॉम्बे हाईकोर्ट का ऐसा मानना है की किसी रिश्ते को सिर्फ इसलिए धार्मिक दृष्टि से नहीं देखा जा सकता है की उनका धर्म अलग हैं। दरसल एक शख्स ने दिसंबर 2022 में अपनी एक्स गर्लफ्रेंड और उसके परिवार के खिलाफ लव जिहाद Love Jihad का केस दर्ज कराया। उसने बताया कि साल 2018 से उसका संबंध मुस्लिम महिला के साथ था। लड़का अनुसूचित जाति (SC) से था, परन्तु महिला को इस बारे में नहीं बताया।
कुछ दिनों बाद महिला ने शख्स पर इस्लाम कबूल करने व उससे शादी करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। तब शख्स ने महिला के माता-पिता को अपनी जाति बताई। शख्स ने यहाँ भी कहा कि महिला के माता-पिता को उसकी जाति से कोई समस्या नहीं थी। बाद में उन्होंने अपनी बेटी को भी मुझे बिना धर्म परिवर्तन कराए अपना लेने के लिए राजी कर लिया। उसके बाद हमरा रिश्ता धीरे-धीरे बिगड़ने लगा। इसके बाद मैंने महिला और उसके माता-पिता के खिलाफ धर्म बदलने का दबाव डालने, खतना कराने और पैसे मांगने के आरोप में केस दर्ज कराया। और साथ ही शख्स ने जाति के नाम पर बुरा बर्ताव करने का आरोप भी लगाया।
हालाँकि इस मामले में औरंगाबाद स्पेशल कोर्ट ने महिला और उसके परिवार को जमानत देने से माना कर दिया था, इसके बाद वे हाईकोर्ट पहुंचे थे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसा लगता है कि इस मामले में Love Jihad का एंगल देने की कोशिश की गई है। जब दो लोग एक-दूसरे से प्यार करते हैं तो यहाँ Love Jihad कैसे हो सकता है। और कोर्ट ने यहाँ भी कहा कि केस 2022 में दर्ज हुआ था और एफआईआर में शख्स ने कबूल किया है कि वह महिला से प्यार करता था।
ऐसे में खुद को पीड़ित बताने वाला शख्स चाहता तो महिला से रिश्ते खत्म कर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। शख्स ने FIR में खतना किए जाने का भी दवा किया, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में यह पूरी तरह से साबित नहीं हो सका। एक्सपर्ट्स नहीं बता सके कि खतना प्राकृतिक था या किसी सर्जिकल प्रोसेस की वजह से हुआ है।हलाकि इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और पुलिस जल्द ही चार्जशीट भी दाखिल कर देगी। अब इस मामले में महिला और उसके परिवार को न्यायिक हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। फिलहाल कोर्ट ने उनको जमानत दे दी है।
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