स्वतंत्र समय, अमरेली
गुजरात में एक परिवार ने अपनी ‘लकी’ कार ( Lucky car ) को कबाड़ में देने के बजाय दफनाने का फैसला किया। इसके लिए बकायदा अंतिम यात्रा निकाली गई। कार को फूलों से सजाया गया। डीजे और गाजे-बाजे के साथ कार को समाधि स्थल तक ले गए।
Lucky car की अनोखे अंदाज में विदाई
यह मामला गुजरात के अमरेली जिले के पडरसिंगा गांव का है। यहां एक किसान संजय पोरला ने 7 नवंबर को अपनी ‘लकी’ कार ( Lucky car ) की इस अनोखे अंदाज में अंतिम विदाई दी। 10 फीट से ज्यादा गहरा गड्ढा किया। इस पर 4 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च किया। संजय पोरला ने बताया कि मैं पिछले दस साल से यह कार चला रहा हूं। 2014 में इसे सेकेंड हैंड खरीदा था। कार खरीदने के बाद से ही उनकी माली हालत दिन-ब-दिन सुधरने लगी। गांव में खेती-किसानी के साथ उनके व्यापार में भी बढ़ोतरी हुई। घर के सामने पोरला परिवार अंतिम विदाई के लिए एकत्रित हुआ। अंतिम यात्रा में करीब 50 से ज्यादा लोग शामिल हुए।
समाधि से पहले 1500 लोगों को रात्रिभोज भी कराया
समाधि से पहले रात्रिभोज भी आयोजित किया गया था। संजयभाई पोलारा ने पूरे गांव के लोगों को आमंत्रित किया। मेहमानों और ग्रामीणों को मिलाकर करीब 1500 लोग भोज में शामिल हुए थे। समाधि कार्यक्रम में शामिल होने सूरत से आए हरेश कारक ने कहा कि मैंने अपने जीवन में ऐसा कभी न देखा और न ही सुना। कारक ने बताया कि अपनी लकी कार की याद को हमेशा जीवित रखने के लिए उस जगह एक पेड़ लगाने का भी फैसला किया है, जहां कार को दफनाया गया है।