मप्र में 25.82 लाख unemployed सिर्फ 2.32 लाख को ही मिली है नौकरी

स्वतंत्र समय, भोपाल।

मप्र सरकार भले ही प्रदेश में बेरोजगारी ( unemployed ) दूर करने की बात कर रही हो, बावजूद इसके इस वर्ष 2024 में प्रदेश में 25 लाख, 82 हजार 759 युवा बेरोजगार रह गए। हालांकि, सरकार का दावा है कि इनमें से दो लाख 32 हजार 295 बेरोजगार आवेदकों को रोजगार कार्यालय के माध्यम से निजी क्षेत्र में ऑफर लेटर प्रदान किए गए, लेकिन ऑफर लेटर देने के बाद भी सरकार को यह नहीं पता कि बेरोजगार युवा किन कंपनियों में काम कर रहे हैं। मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्य विधानसभा में विधायक बाला बच्चन के सवाल के लिखित उत्तर में राज्यमंत्री कौशल विकास एवं रोजगार गौतम टेटवाल ने यह भी स्वीकारा कि 4 वर्ष में क्रमश: वर्ष 2021 में रोजगार कार्यालय में 32 लाख 16 हजार 64 बेरोजगार पंजीकृत थे, तो वहीं 2022 में 27 लाख 82 हजार 29 रह गए। वर्ष 2023 में बेरोजगारों की संख्या बढक़र 35 लाख 73 हजार 694 थी, जो वर्ष 2024 में घटकर 25 लाख 82 हजार 759 रह गई है। खास बात यह रही कि पहली बार मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 में 444 बेरोजगार ट्रांसजेंडरों ने आवेदन किया तो 2024 में 183 बेरोजगार ट्रांसजेंडरों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया।

मप्र में रजिस्टर्ड बेरोजगार…

वर्ष                पुरुष              महिला             ट्रांसजेंडर          कुल
2024 15      90,387          9,92,189             183       25,82,759
2023          23,05,822      12,67,428           444       35,73,694
2022          18,22,684      9,59,345             —          27,82,029
2021          20,36,860       11,79,204           —         32,16,064

इसलिए बढ़ी unemployed की संख्या

प्रदेश में बेरोजगारों ( unemployed ) की संख्या बढऩे के पीछे सरकार का तर्क है कि मप्र राज्य कर्मचारी चयन मंडल (व्यापमं)द्वारा विभिन्न पदों की अधिसूचना जारी की गई थी, इनमें आवेदन के लिए रोजगार पंजीयन की अनिवार्यता के कारण भी बेरोजगारों की बढ़ी हुई संख्या प्रदर्शित हो रही है। विधानसभा में एक अन्य प्रश्न में विधायक डा. राजेश सोनकर ने पूछा था कि प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बढऩे का का क्या कारण है इसके जवाब में राज्यमंत्री गौटम टेटवाल ने लिखित में यह अजीब जवाब दिया।

मप्र में पढ़े-लिखे बेरोजगार अधिक

चौंकाने वाली यह भी है कि मध्य प्रदेश में अशिक्षित बेरोजगारों की तुलना में पढ़े लिखे बेरोजगार अधिक है। वर्ष 2024 में 52,017 अशिक्षित बेरोजगार है तो इनकी तुलना में 25,30,742 शिक्षित बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। वहीं वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में 28 लाख 21 हजार 868 बेरोजगार थे। 24,33,576 शिक्षित और दो लाख 48 हजार 292 अशिक्षित बेरोजगार थे।