जल संरक्षण में बना मध्यप्रदेश देश में अव्वल, पीएम मोदी को सफलता के सेलीब्रेशन का आंमत्रण देने पहुंचे सीएम

मध्यप्रदेश के लिए यह गौरव का क्षण है कि अब मध्यप्रदेश की धरती ने जल संरक्षण में भी पहला स्थान प्राप्त किया है। जब मध्यप्रदेश का खंडवा जिला पूरे देश में भूगर्भ जलसंरक्षण में देश में पहले स्थान पर आया है। बता दें कि पीएम मोदी की मह्तवाकांक्षी योजना “गंगा जल संवर्धन योजना” के तहत मध्यप्रदेश में चलाए गए अभियान में प्रदेश को यह उपलब्धि मिली है।

प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 30 मार्च से 30 जून तक प्रदेश में जल संरक्षण का महायज्ञ चलाया गया, जिसकी प्रेरणा गुजरात से मिली। इस अभियान में खंडवा जिला देशभर में भूजल भंडारण में पहले स्थान पर रहा और मध्यप्रदेश ने टॉप-4 राज्यों में जगह बनाई। डॉ. यादव ने पीएम मोदी को इस अभियान के समापन समारोह में वर्चुअल रूप से सम्मिलित होने का आग्रह किया, जिसे पीएम ने सहर्ष स्वीकार भी कर लिया।

विकास की नई तस्वीर बन रहा मप्र
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर प्रदेश के विकास की नई तस्वीर पेश की। डॉ. यादव ने न सिर्फ केंद्र सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ नीति के साथ प्रदेश की एकजुटता दर्शाई, बल्कि पीएम मोदी को कई बड़े कार्यक्रमों में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया|

सीहोर में होगा किसान महाकुंभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी 12-14 अक्टूबर को सीहोर जिले में दो लाख से अधिक किसानों का महाकुंभ आयोजित होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस सम्मेलन का उद्घाटन करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही, धार जिले में विकसित हो रहे पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क का भूमिपूजन और औद्योगिक खंडों के आवंटन के कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया।

नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार
सीएम मोहन यादव ने पीएम मोदी को बताया कि नक्सलवाद के खिलाफ राज्य की निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। पिछले डेढ़ साल में 10 से ज्यादा वांछित नक्सली मारे गए है।  जिन पर 1.62 करोड़ का इनाम था। उन्होंने विश्वास दिलाया कि 2026 तक राज्य पूरी तरह नक्सल मुक्त हो जाएगा।

उज्जैन बनेगा अंतरराष्ट्रीय समय गणना केंद्र
डॉ. यादव ने एक ऐतिहासिक पहल की जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन के निकट एक आधुनिक वेधशाला की स्थापना की गई है, जो भविष्य में अंतरराष्ट्रीय समय गणना का केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि जनवरी 2026 में एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया है। उनका यह प्रयास भारत को ग्रीनविच की बजाय उज्जैन को “स्टैंडर्ड टाइम” का केंद्र बनाने की दिशा में एक साहसिक कदम है।

देश सुनेगा सम्राट विक्रमादित्य की गौरव गाथा
मुख्यमंत्री ने उज्जैन के यशस्वी सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन और गणराज्य की परंपरा को राष्ट्रव्यापी पहचान दिलाने की बात कही। उन्होंने बताया कि सम्राट के नाम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय से सहयोग का अनुरोध किया गया है।