‘मप्र में दिन में मनुष्य और रात में टाइगर घूम रहे हैं’: CM Mohan Yadav

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav  ) ने कहा कि हम प्रगति और प्रकृति दोनों चाहते हैं। मप्र में दिन में मनुष्य घूमते हैं और रात में टाइगर रातापानी में घूम रहे हैं। प्रकृति, परमात्मा और मानवता प्रेमी होने की हमारी सोच इसमें बदलाव लाती है। हम राजनीतिज्ञों के लिए दो बातें जरूरी है। पर्यावरण की चिंता करना है और राजनीतिक पर्यावरण की भी चिंता करना है। इसलिए जलवायु परिवर्तन को लेकर होने वाले मंथन में जो अमृत निकलेगा, उस पर सरकार अमल करेगी।

CM Mohan Yadav सीओपी परामर्श कार्यक्रम में बोले

मुख्यमंत्री ( CM Mohan Yadav ) ने यह बात सोमवार को जलवायु परिवर्तन के लिए वैश्विक प्रयास’ विषय पर कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में पहले राज्य-स्तरीय प्री-कॉन्फ्रेंंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) परामर्श कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा पर्यावरण संतुलन का उदाहरण और क्या हो सकता है कि श्री शिव सकल परिवार में शामिल शेर, मोर, सर्प, मूसक सभी एक दूसरे के दुश्मन होने के बाद भी साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि सबका संतुलन बनाए रखने महादेव गंगा स्नान कर रहे हैं। एमपी नदियों का मायका है और यहां की सोन नदी के बिना गंगा नदी पूरी नहीं होती हैं। चंबल, शिप्रा समेत सभी नदियां इसके लिए काम कर रही हैं।

क्लाइमेट जस्टिस जरूरी

सेवानिवृत्त आईएएस रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कार्बन बाजारों में प्रवेश के लिए ठोस फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। इससे प्राकृतिक खेती और सतत वन विकास एवं पर्यावरणीय प्रयासों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करेगा बल्कि भारत को वैश्विक हरित अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका में स्थापित करेगा। प्रसाद कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव गरीबों पर पड़ता है, इसलिए क्लाइमेट जस्टिस जरूरी है।

खान-पान, जीवन शैली भी डाल रही असर

डॉ. यादव ने कहा कि, हमारा जीवन बगैर सौर ऊर्जा के संभव नहीं है। पर्यावरण से छेड़छाड़ किसने की और उसे बचाने के लिए कौन सामने आ रहा है? जीवन शैली का असर इसमें पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एमपी में सौर ऊर्जा उत्पादन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तय किए गए उत्पादन टारगेट के आधार पर तय किया जाएगा। आरती के समय हाथ को गोल घुमाना सौर आराधना ही है। हमारी जीवनशैली, खान-पान किस प्रकार का है, इस पर भी पर्यावरण निर्भर करता है। एक शायरी का जिक्र कर सीएम मोहन ने कहा- धूल चेहरे पर लगी थी और ये आईना साफ करा रहे। इसलिए इस ओर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्मदा नदी और नर्मदा तटों का संरक्षण, खनन रोकने का प्रयास करेंगे।