मध्य प्रदेश में पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है, जिससे पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ गया है। राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा लुढ़ककर 4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो इस सीजन में अब तक का सबसे कम तापमान है। अचानक बढ़ी इस ठंड ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है।
मौसम में आए इस बदलाव का असर राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के सभी बड़े शहरों में देखने को मिल रहा है। भोपाल में न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री, इंदौर में 10.6 डिग्री, जबलपुर में 9.2 डिग्री और ग्वालियर में 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन और रात के तापमान में गिरावट के कारण लोग कंपकंपी महसूस कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश में ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अगले 48 घंटों के लिए चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार, यह इस मौसम की पहली शीतलहर है और इसका असर 7 और 8 दिसंबर को भी बना रहेगा।
मौसम विभाग ने विशेष रूप से रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर और चंबल संभागों के जिलों में शीतलहर चलने की संभावना जताई है। इन क्षेत्रों के निवासियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
क्यों बढ़ी अचानक ठंड?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद वहां से चलने वाली सर्द उत्तरी हवाएं सीधे मध्य प्रदेश का रुख कर रही हैं। इन हवाओं के कारण प्रदेश के तापमान में भारी गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ दिनों तक इन हवाओं का असर बना रहेगा, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।